November 26, 2024 1:08 am

पैकेट मिल्क या फ्रेश मिल्क? सेहत के लिए कौन – सा है ज्यादा बेहतर

सोशल संवाद/ डेस्क : मिल्क हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है. मिल्क पिने से सेहत को energy मिलती है और साथ ही इससे baby किन्ड्स को nutritious मिलता है लेकिन क्या आपको पता है पैकेट मिल्क हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है इससे हमारे सेहत को नुकसान होता है. वही बात करे फ्रेश मिल्क के बारे में  जो हमारे शरीर को deficient nutritious देता है. तो आइये जानते है विस्तार से

दूध पीना सेहत को ढेरों फायदे पहुंचाता है. इससे आपकी हड्डियों को ताकत मिलती है वहीं ब्रेन हेल्थ भी शार्प होती है.ऐसे में एक बड़ा सवाल ये खड़ा हो जाता है कि कौन-से दूध का सेवन किया जाए। मुख्य रूप से देखें तो इसे दो कैटेगरी में बांटा जा सकता है पैक्ड मिल्क और फ्रेश मिल्क. आइए यहां जानिए कौन-सा विकल्प है आपके लिए ज्यादा सही।

पैक्ड मिल्क vs फ्रेशमिल्क: दूध सेहत के लिए कितना पौष्टिक होता है, ये तो सभी जानते हैं. इसमें आयरन, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन और मिनिरल्स जैसे तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसमें कई तरह के एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं. खासतौर से बच्चों की ग्रोथ के लिए इसे बचपन से ही उनकी डाइट में शामिल करने की सलाह ही जाती है. सुबह से लेकर रात तक के आहार में दूध कई बार इस्तेमाल होता है.

ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है कि कौन-से दूध का सेवन किया जाए, मोटे तौर पर दूध को दो कैटेगरी में बांटा जा सकता है. पहला पैक्ड मिल्क और दूसरा फ्रेश मिल्क. अगर आपको भी इन दोनों को लेकर कंफ्यूजन है तो यहां जानिए कौन-सा दूध है आपके लिए ज्यादा बेहतर.

 क्या है ‘पैक्ड मिल्क’

पैक्ड मिल्क या पैकेटबंद  milk बाजार में बड़ी मात्रा में उपलब्ध होता है.इसे कई प्रोसीजर्स से गुजार कर तैयार किया जाता है. एक फिक्स टेंपरेचर पर गर्म करने के बाद सीधे एकदम ठंडे तापमान पर लाकर इसे प्रोसेस करके पैक किया जाता है, जिससे इसमें मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. ये दूध का होमोजिनाइज्ड वर्जन भी कहलाता है. मार्केट में इसे फुल क्रीम, टोन्ड या डबल टोन्ड मिल्क के फॉर्म में खरीदा जा सकता है. बता दें, ये पहले पाश्चराइज्ड यानी उबला हुआ दूध होता है, इसलिए इसे उबालना जरूरी नहीं होता है.

क्या है ‘फ्रेश मिल्क’

फ्रेश milk या खुला दूध लोकल डेयरी पर पशुओं से प्राप्त कर सीधा ग्राहक को बेच दिया जाता है. इसमें किसी प्रकार का मशीनी रोल देखने को नहीं मिलता है. ग्रामीण इलाकों में तो ये सबसे ज्यादा उपलब्ध होता है. आमतौर पर इसे पैकेटबंद दूध से बेहतर माना जाता है. अगर आर्गेनिक तरीके से इसका प्रोडक्शन किया जाए तो ये दूध हेल्थ के लिए सबसे अच्छा रहता है.

दोनों में से कौन-सा है ज्यादा बेहतर?

बढ़ते शरीर के लिए दूध का सेवन तो जरूरी है, लेकिन आप इसके किस रूप का सेवन कर रहे हैं, ये भी मायने रखता है. देखा जाए तो लोकल डेयरी ये मिलने वाले फ्रेश मिल्क को ही ज्यादा बेहतर माना जाता है, लेकिन इसमें पशुओं को दिए जाने वाले इंजेक्शन और उनके चारे में मिलावट के चलते सेहत को खतरा रहता है। अक्सर डेयरी के मालिक अपना खर्चा बचाने के लिए पशुओं को खुले में छोड़ देते हैं, जिसके बाद ये पशु कूड़ा-कचरा खाने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में दूध भी पौष्टिक न रहकर सेहत के लिए खराब बन जाता है.

पैकेटबंद दूध की बात करें तो ये जिस तरीके से पॉस्चराइज और होमोजिनाइज करके तैयार किया जाता है, उससे इसमें बाहरी बैक्टीरिया का खतरा तो नहीं रहता है, लेकिन इसमें भी आजकल मिलावट की खबरें आम हो गई हैं. ऐसे में आर्गेनिक दूध, यानी डेयरी से मिलने वाले दूध के ऑप्शन की ओर जाना ही सही रहेगा, लेकिन इसके साथ आपको इसके सर्टिफिकेशन आदि चीजों की जानकारी ले लेनी चाहिए और लैब में चेक करवाकर भी आप इसकी गुणवत्ता को सुनिश्चित कर सकते हैं.

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