सोशल संवाद / डेस्क : भारत में पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) का उपयोग टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। यह एक यूनिक 10-अंकों का पहचान संख्या होती है जो भारतीय करदाता को प्रदान की जाती है। PAN का उपयोग इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने, वित्तीय लेन-देन करने और अन्य कई वित्तीय गतिविधियों में होता है। लेकिन समय के साथ, भारत सरकार ने इस प्रणाली में कुछ सुधार करने और इसे और अधिक सुरक्षित व डिजिटल बनाने की आवश्यकता महसूस की। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, PAN 2.0 का विकास किया गया है।
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केंद्र सरकार ने पैन कार्ड को अपडेट करने वाले प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. यह प्रोजेक्ट 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) द्वारा मंजूर किया गया। इसका उद्देश्य पैन कार्ड से जुड़ी सभी सेवाओं को सरल और डिजिटल बनाना है। यह नई प्रणाली टैक्स प्रशासन को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुगम बना देगी। सरकार का मानना है कि PAN 2.0 से ना सिर्फ वित्तीय धोखाधड़ी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, बल्कि यह टैक्स सिस्टम को पूरी तरह से डिजिटल और स्मार्ट बनाएगा।
PAN 2.0 की विशेषताएँ
- डिजिटल कार्ड: PAN 2.0 के तहत डिजिटल कार्ड की पेशकश की जाएगी, जिससे इसकी पहुँच हर नागरिक तक होगी और इसे आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
- आधिकारिक कागजात की आवश्यकता में कमी: नए PAN 2.0 के लिए आवेदन प्रक्रिया अधिक सरल होगी, और इसके लिए कम दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी। इसे पूरी तरह से डिजिटल किया जाएगा।
- ब्लॉकचेन और AI आधारित सुरक्षा: PAN 2.0 में ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जो डेटा की सुरक्षा को और मजबूत करेगा। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल सिस्टम में सुधार के लिए किया जाएगा।
- स्मार्ट ट्रैकिंग और निगरानी : PAN 2.0 सिस्टम का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह ट्रैकिंग और निगरानी के लिए स्मार्ट तकनीकों का उपयोग करेगा। इससे टैक्स अधिकारियों को करदाता की स्थिति का बेहतर आंकलन करने में मदद मिलेगी।
PAN 2.0 के फायदे
- सुरक्षा में वृद्धि : PAN 2.0 में नई सुरक्षा तकनीकों का समावेश किया जाएगा, जिससे इसे अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा। पुराने PAN कार्ड में डिजिटल सुरक्षा की कमी थी, जिससे धोखाधड़ी की संभावना थी। नए संस्करण में आधुनिक सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा, जिससे कार्ड का दुरुपयोग कम होगा।
- डिजिटल बदलाव : PAN 2.0 पूरी तरह से डिजिटल होगा। यह स्मार्ट कार्ड, मोबाइल एप्लिकेशन, और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध होगा। इसके अलावा, यह सिस्टम टैक्स प्रक्रिया को और अधिक सहज और तीव्र बना देगा।
- आधुनिक तकनीक का उपयोग : PAN 2.0 में नई तकनीकों का समावेश होगा जैसे कि ब्लॉकचेन, बायोमेट्रिक पहचान, और एआई-आधारित सुरक्षा उपाय, जिससे इसका उपयोग और भी आसान और सुरक्षित होगा। यह प्रणाली टैक्स रिटर्न दाखिल करने, वित्तीय लेन-देन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करेगी।
- सिस्टम में पारदर्शिता : PAN 2.0 का एक और उद्देश्य वित्तीय धोखाधड़ी को रोकना और सिस्टम में पारदर्शिता लाना है। यह टैक्स दाताओं और सरकार के बीच के रिश्ते को मजबूत करने का एक प्रयास है। टैक्स रिकॉर्ड्स को डिजिटल रूप से ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे अनियमितताओं को जल्दी पकड़ा जा सकेगा।
- आसान आवेदन प्रक्रिया : PAN 2.0 के तहत आवेदन की प्रक्रिया और भी सरल और तीव्र होगी। इसके लिए ज्यादा कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होगी और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो सकेगी।
अब तक पैन से जुड़ी सेवाएं तीन अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स (e-Filing पोर्टल, UTIITSL पोर्टल और Protean e-Gov पोर्टल) पर उपलब्ध थीं। लेकिन PAN 2.0 इन सभी को एकीकृत कर एक सिंगल यूनिफाइड पोर्टल लाएगा, जहां पैन और टैन (Tax Deduction and Collection Account Number) से जुड़ी सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
साथ ही आपको यह भी बता दे कि मौजूदा पैन कार्ड धारकों को अपग्रेडेड सिस्टम (पैन 2.0) के तहत नए पैन के लिए आवेदन करने की ज़रूरत नहीं है , आपका पुराना कार्ड वैलिड रहेगा। यदि मौजूदा पैन धारक अपने मौजूदा पैन विवरण जैसे ईमेल, मोबाइल या पता या जनसांख्यिकीय विवरण जैसे नाम, जन्म तिथि आदि में कोई सुधार/अपडेशन करना चाहते हैं, तो वे पैन 2.0 प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद निशुल्क ऐसा कर सकते हैं। बस इसके लिए उन्हें NSDL या UTIISL की वेबसाइट पर जाकर आधार की मदद से अपना पता बदल सकते हैं और यहीं से सुधार भी कर सकते हैं.
आपका मौजूदा पैन कार्ड PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत मान्य रहेगा. यूजर्स को इसके लिए आवेदन किये बिना ही आपकी ईमेल आईडी पर मौजूदा पैन कार्ड का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन प्राप्त होगा. आयकर विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, यदि कोई फिजिकल कार्ड चाहता है तो उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा और देश के अंदर रहने पर इसके लिए 50 रुपये देने होंगे.