सोशल संवाद/डेस्क: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 2020 में Patanjali देसी गाय घी का सैंपल लिया गया था। इस सैंपल की जांच उत्तराखंड और यूपी की दो लैब में हुई, जहां दोनों जगह घी स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरा। इसके आधार पर जिला प्रशासन की अदालत ने पतंजलि पर 1.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

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पतंजलि ने इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह आदेश त्रुटिपूर्ण और कानून के विरुद्ध है। कंपनी का कहना है कि जिस रेफरल लैब में घी का दोबारा परीक्षण हुआ, वह NABL से गाय घी की जांच के लिए मान्यता प्राप्त ही नहीं थी, इसलिए रिपोर्ट को मान्य नहीं माना जा सकता। कंपनी ने इसे ‘हास्यास्पद और आपत्तिजनक’ बताया कि एक गैर-मान्यता प्राप्त लैब ने उनके प्रीमियम घी को सब-स्टैंडर्ड घोषित कर दिया।
पतंजलि ने यह भी कहा कि जिन पैरामीटरों के आधार पर घी को फेल बताया गया, वे नियम उस समय लागू ही नहीं थे, इसलिए उन मानकों का इस्तेमाल कानूनी रूप से गलत है। इसके अलावा, पुन: परीक्षण उस समय हुआ जब नमूने की एक्सपायरी डेट बीत चुकी थी, जो कानून के अनुसार पूरी तरह अमान्य है। कंपनी ने इस फैसले की फिर से समीक्षा की मांग की है।








