सोशल संवाद/ डेस्क: पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर से जुड़ी एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. नैवेद्यम (लड्डू प्रसाद) सामग्री की आपूर्ति के नाम पर एक स्थानीय कारोबारी ने मंदिर ट्रस्ट से ₹20.27 लाख की राशि ले ली, लेकिन न तो सामग्री पहुंचाई और न ही पैसे लौटाए. इस संबंध में महावीर स्थान न्यास समिति ने कोतवाली थाना, पटना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
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शिकायत मंदिर के सुपरिंटेंडेंट के. सुधाकरण ने दर्ज कराई है। शिकायत में बताया गया कि बीते माह उक्त कारोबारी की मुलाकात तत्कालीन सचिव दिवंगत आचार्य किशोर कुणाल से हुई थी. कारोबारी ने बाजार से सस्ती दर पर नैवेद्यम सामग्री—जैसे घी, चना दाल, काजू, किशमिश आदि—की आपूर्ति का प्रस्ताव दिया. प्रस्ताव को स्वीकार कर ट्रस्ट ने RTGS से ₹20.27 लाख कारोबारी के खाते में भेज दिए।
हालांकि इसी बीच आचार्य किशोर कुणाल का निधन हो गया। उसके बाद से न तो सामग्री भेजी गई और न ही कारोबारी ने पैसे लौटाए. कॉल और संदेशों का जवाब भी बंद कर दिया।
पुलिस ने IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज कर लिया है. आरोपी की तलाश जारी है. मंदिर ट्रस्ट ने इसे आस्था से जुड़ा मामला बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है. आचार्य किशोर कुणाल लंबे समय तक मंदिर से जुड़े रहे और उनके निधन के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ.