SIP निवेश जून 2025 में 27,269 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
म्यूचुअल फंड AUM 74.41 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा. डिमैट अकाउंट्स में दिलचस्पी घट रही है।
सोशल संवाद/ डेस्क: बढ़ती महंगाई को देखते हुए लोगों को समझ आ गया है की अब सिर्फ बचत से काम नहीं चलेगा.पैसे को बढ़ाने के लिए निवेश जरूरी है और ये बदलाव अब आंकड़ों में भी साफ दिख रहा है। म्यूचुअल फंड में लोगों का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है. जून 2025 में SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) 27,269 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो मई के 26,688 करोड़ रुपए से 2 प्रतिशत अधिक है. देश का कुल म्यूचुअल फंड AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) भी बढ़कर 74.41 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
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वहीं, दूसरी तरफ लोगों की दिलचस्पी डिमैट अकाउंट खुलवाने में घट गई है. अगर जनवरी 2025 से अब तक का आंकड़ा देखें, तो ग्रो ने 6 लाख, ज़ेरोधा ने 5.5 लाख, एंजल वन ने 4.5 लाख, और अपस्टॉक्स ने 3 लाख से अधिक एक्टिव इनवेस्टर्स खो दिए हैं. सिर्फ जून महीने में ही इन चारों ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स ने मिलाकर करीब 6 लाख एक्टिव क्लाइंट्स गंवा दिए.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, यह पहली बार है जब SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेश 27,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा है. वहीं, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी नए मुकाम पर पहुंच गया है. जून में AUM बढ़कर 74.41 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. इससे पहले मई में यह 72.20 लाख करोड़ था और अप्रैल में 69.99 लाख करोड़ रुपये था.
मई में जहां कुल निवेश 29,572 करोड़ रुपये था, वहीं जून में यह 67% बढ़कर 49,301 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की बात करें तो जून में इनका निवेश 24% बढ़कर 23,587 करोड़ रुपये रहा. खास बात यह है कि ELSS (टैक्स सेविंग फंड) को छोड़कर बाकी सभी इक्विटी कैटेगरी में निवेश हुआ. लार्ज कैप फंड्स ने जून में सबसे अच्छी बढ़त दिखाई और इस कैटेगरी में 1,694 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो मई के 1,250.5 करोड़ रुपये की तुलना में 35% ज़्यादा है।