सोशल संवाद/डेस्क : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर हो गया है। यह अग्रेसिव स्टेज में है, जो उनकी हडि्डयों तक में तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, साल 2020 में पूरी दुनिया में 14 लाख से ज्यादा प्रोस्टेट कैंसर के नए केस मिले थे। हर साल ये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
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हाल ही में यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ यूरोलॉजी कांग्रेस में एक स्टडी पेश की गई। इसमें 20 साल तक 1,60,000 पुरुषों की मेडिकल हिस्ट्री ट्रैक की गई। इसमें पता चला कि जो लोग प्रोस्टेट कैंसर के लिए स्क्रीनिंग नहीं कराते हैं तो उनकी जान जाने का जोखिम 45% ज्यादा होता है।
भारत में ये ज्यादा चिंता की बात है, क्योंकि यहां प्रोस्टेट कैंसर की समय पर जांच नहीं होना एक बड़ी समस्या है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक, भारत में हर साल 33,000 से 42,000 नए मामले सामने आते हैं। साल 2040 तक प्रोस्टेट कैंसर के नए मामलों की संख्या दोगुनी होकर हर साल करीब 71,000 तक पहुंच सकती है। फिलहाल भारत में प्रोस्टेट कैंसर कुल कैंसर मामलों के लगभग 3% मामलों के लिए जिम्मेदार है।
प्रोस्टेट कैंसर क्या है?
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को होने वाली एक कॉमन और गंभीर बीमारी है। पुरुषों के रीप्रोडक्टिव सिस्टम में एक प्रोस्टेट ग्लैंड होती है। यह एक छोटी सी अखरोट के आकार की ग्रंथि होती है, जो यूरिनरी ब्लैडर के नीचे और मलाशय के सामने होती है।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण क्या हैं?
प्रोस्टेट कैंसर होने पर शुरुआती दिनों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखता है, लेकिन यह जैसे-जैसे बढ़ता है कुछ समस्याएं नजर आ सकती हैं। इनमें बार-बार पेशाब की जरूरत महसूस होती है और खासकर रात में होती है। पेशाब करते समय जलन या दर्द हो सकता है। पेशाब रुक-रुक कर आ सकती है।
प्रोस्टेट कैंसर क्यों होता है?
प्रोस्टेट कैंसर की वजह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन उम्र, अनुवांशिकी, हॉर्मोनल असंतुलन, खराब डाइट, लाइफस्टाइल और एनवायर्नमेंटल कारक इसकी वजह बन सकते हैं। ये सभी चीजें मिलकर प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के डाइग्नोसिस के लिए दो मुख्य स्क्रीनिंग टेस्ट होते हैं
डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE): इस टेस्ट में डॉक्टर एक ग्लव और लुब्रिकेटेड उंगली को रेक्टम (पाइप) में डालते हैं और प्रोस्टेट ग्लैंड को महसूस करते हैं। अगर प्रोस्टेट में कुछ कठोर या गड्ढा जैसा महसूस होता है तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
PSA ब्लड टेस्ट: यह एक ब्लड टेस्ट है, जिसमें प्रोस्टेट ग्लैंड द्वारा बनाए जाने वाले प्रोटीन PSA का लेवल मापा जाता है। अगर PSA लेवल ज्यादा होता है तो यह कैंसर या किसी गैर-खतरनाक समस्या का संकेत हो सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए क्या करें?
प्रोस्टेट कैंसर से पूरी तरह से बचाव संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपायों से अपने रिस्क को कम किया जा सकता है:
- नियमित स्क्रीनिंग: डॉक्टर से यह पूछें कि आपको कितनी बार प्रोस्टेट स्क्रीनिंग करवानी चाहिए, यह आपके रिस्क फैक्टर्स पर निर्भर करेगा।
- हेल्दी वेट बनाए रखें: हेल्दी वेट बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए कितना वजन सही रहेगा।
- एक्सरसाइज करें: हफ्ते में 150 मिनट तक एक्सरसाइज करें यानी हफ्ते में 5 दिन रोज लगभग 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
- न्यूट्रिशियस डाइट लें: हेल्दी डाइट से कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है। फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं और रेड मीट व प्रोसेस्ड फूड्स से बचें।
- स्मोकिंग छोड़ें: तंबाकू प्रोडक्ट्स से दूर रहें। अगर आप धूम्रपान करते हैं तो डॉक्टर की मदद से इसे छोड़ने की योजना बनाएं।