सोशल संवाद / जमशेदपुर : सोनारी विमानतल विस्तारीकरण से उपजी समस्या एवं जनआक्रोश के संबंध में आज दोपहर मैंने टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट और टीयूआइएसएल के अधिकारियों से गहन वार्ता की। मैंने उन्हें बताया कि कल मैं एयरपोर्ट के सोनारी तरफ के हिस्सा और कदमा की तरफ का हिस्सा का भ्रमण किया और विस्तारीकरण से उत्पन्न होने वाली स्थिति के बारे में उनसे वार्ता किया।
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आम लोगों के बीच में यह भ्रम पैदा हो गया है कि सोनारी छोर की ओर एयरपोर्ट के विस्तार से चर्च और चर्च के समीप के मैदान को नुकसानपहंचेगा और सोनारी से सर्किट हाउस होकर बिष्टुपुर जाने वाली जो सीधे सड़क है, वह समाप्त हो जाएगी। इस आशंका को बल इसलिए मिल रहा था कि लोगों को विश्वास में लिए बिना और स्थिति को स्पष्ट किये बिना टाटा स्टील प्रबंधन ने लाल रंग की लकीर खींच कर यह संदेश दे दिया कि चर्च और मैदान विस्तारीकरण की जद में आ सकते हैं।
मैंने जनभावना से जुड़ा यह विषय टाटा स्टील एवं टीयूआईएसएल प्रबंधन के सामने रखा। उन्होंने बताया कि डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने चेतावनी दी है कि यदि सोनारी छोर की तरफ एयरपोर्ट के रनवे को नहीं बढ़ाया गया तो एयरपोर्ट का लाइसेंस डीजीसीए रद कर देगा और यहां से कोई भी विमान उड़ नहीं सकता है। मैंने डीजीसीए की चेतावनी से संबंधित दस्तावेजों को देखने के बाद विचार व्यक्त किया कि ऐसा उपाय किया जाए कि डीजीसीए की अपेक्षा के अनुरुप रनवे का विस्तार भी हो जाए और चर्च, चर्च से सटे मैदान को नुकसान न पहुंचे तथा सर्किट हाउस और बिष्टुपुर की तरफ जाने वाली सड़क पर यातायात में भी बहुत अधिक व्यवधान नहीं हो। इसके अनुसार, टाटा स्टील और टीयूआईसीएल प्रबंधन ने रनवे विस्तार की रुप-रेखा प्रस्तुत किया।
एयरपोर्ट रनवे विस्तार की लंबाई डीजीसीए नियमों के अनुसार कम से कम रखी गई सोनारी से सर्किट हाउस-बिष्टुपुर की तरफ जाने वाली सड़क को काफी हल्का मोड़ (कर्व) दिया गया। चर्च को रनवे विस्तार की सीमा के बाहर रखा गया। वहां स्थित वर्तमान मैदान का एत चौथाई से भी कम हिस्सा तक रनवे का विस्तार होगा। मैदान की जितनी जमीन तक रनवे का विस्तार होगा, उतना क्षेत्रफल की जमीन के साथ बाईं तरफ की खाली जमीन को जोड़ कर मैदान का विस्तार कर दिया जाए। यानी मैदान का वर्तमान क्षेत्रफल जितना है, उतना ही क्षेत्रफल रनवे विस्तार होने के बाद भी रहेगा। यह मैदान एक सार्वजनिक मैदान होगा, जिसका उपयोग उपायुक्त और टाटा स्टील प्रबंधन की सहमति से सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यों के लिए किया जा सकेगा, जो रनवे विस्तार के बाद सोनारी से सर्किट हाउस-बिष्टुपुर की ओर जाने वाली सड़क पर हल्का मोड़ के साथ सुविधाजनक यातायात का प्रावधान रहेगा।
टाटा स्टील/टीआईयूएसएल प्रबंधन द्वारा रनवे विस्तारीकरण डिजाइन में वार्ता के उपरांत हुए संशोधन से मैंने सोनारी के अपने सहयोगियों को अवगत करा दिया। साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वहां स्थित क्रिश्चियन कालोनी के निवासी प्रदीप कुमार बलमुचू को भी मैंने इस वार्ता के निष्कर्ष से अवगत करा दिया और टाटा स्टील के अधिकारियों से कहा कि वे इस बारे में अपनी ओर से बलमुचू को जानकारी दे दें ताकि समस्या का पूर्णतः समाधान हो जाए। मुझे उम्मीद है कि टाटा स्टील प्रबंधन से हुई वार्ता के उपरांत आम जनमानस में उत्पन्न आक्रोश की स्थिति समाप्त हो जाएगी। जनहित के विषय को रनवे विस्तारीकरण कार्यक्रम में महत्व देने तथा धार्मिक स्थान एवं मैदान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने तथा सोनारी से बिष्टुपुर को जोड़ने वाली सड़क की दिशा में न्यूनतम बदलाव करने पर टाटा स्टील प्रबंधन के अधिकारियों की सहमति से यह समस्या सुलझने की कगार पर पहुंच गई है। उम्मीद है कि एयरपोर्ट के रनवे का डीजीसीए की शर्तों के अनुरुप विस्तार भी हो जाएगा और जनहित को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।








