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शिमला में मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे हिंदू संगठन के लोगों ने सुक्खू सरकार से की ये मांग

सोशल संवाद/ डेस्क : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में गुरुवार को संजौली इलाके में बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के लोग एकत्रित हुए. इन लोगों ने संजौली में बनी मस्जिद और बाहरी राज्यों से बिना वेरिफिकेशन आ रहे लोगों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

संजौली चौक पर ही शिमला पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका. यहां शिमला पुलिस की ओर से प्रदर्शन करने की परमिशन नहीं थी. ऐसे में यह प्रदर्शनकारी मस्जिद के नजदीक जाकर ही प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन बाद में फिर इन्हें ढली टनल की तरह भेजा गया और यहीं हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया.

यहां बन गई है अपराधियों की शरण स्थली- गौतम

हिंदू जागरण मंच के पूर्व प्रांत अध्यक्ष कमल गौतम ने कहा कि बड़ी संख्या में यहां हिंदू समाज के लोग एकजुट हुए हैं. उन्होंने कहा कि यहां पर चार मंजिला अवैध मस्जिद खड़ी कर दी गई और प्रशासन सब कुछ देखता रहा. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बाहरी राज्य से लोग बिना वेरिफिकेशन के आ रहे हैं.

कमल गौतम ने कहा आज हिमाचल प्रदेश अपराधियों की शरण स्थली बन गई है. उन्होंने कहा कि जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वह हिमाचल प्रदेश सरकार की भूमि है. ऐसा खुद सरकार भी मान रही है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड कोई बोर्ड नहीं है, बल्कि यह भू माफिया है. कमल गौतम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की पवित्र भूमि खतरे में है. इसी को बचाने के लिए हिंदू समाज के लोग यहां एकत्रित हुए हैं.

मामले में विधानसभा में हुई थी चर्चा

बता दें कि बुधवार को इस पर हिमाचल विधानसभा में चर्चा हुई. सदन में नियम-62 के तहत लाई गई चर्चा के दौरान सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह के तीखे तेवर देखने को मिले थे. ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल में पहले ऐसी घटना नहीं हुई. अब आखिर यह क्यों देखने को मिल रहा है. यहां हिमाचल में अब रोज नए लोग आ रहे हैं. कहीं से जमात वाले आ रहे हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं है. क्या ये रोहिंग्या मुसलमान हैं. मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आगे खुलासा किया कि वे खुद एक-दो लोगों को जानते हैं, जो बांग्लादेश से आए हैं. उन लोगों की वेरिफिकेशन होनी चाहिए. 

‘6357 वर्ग फुट अवैध निर्माण’

ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने खुलासा किया कि अब तक 6 हजार 357 वर्ग फुट अवैध निर्माण हो गया है. इससे भी बढ़कर चिंता की बात है कि जो व्यक्ति केस की सुनवाई में आ रहा था, उसके बारे में साल 2023 में निगम को पता चलता है कि उसका केस से लेना-देना ही नहीं है.

क्या निगम के अफसरों ने उसके कागज चेक नहीं किए. अचानक साल 2023 में निगम को पता चलता है कि जिसके खिलाफ केस चल रहा है, वह तो प्रतिवादी बन ही नहीं सकता. अब इस केस को वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर किया गया है. मंत्री ने कहा कि जो जमीन प्रतिवादी की बताई जा रही है, उसका मालिकाना हक सरकार का है. प्रतिवादी केवल कब्जाधारी है. ग्रामीण विकास मंत्री ने सीएम से आग्रह किया कि उस जमीन से कब्जा हटाया जाए. ये जांच की जाए कि जमीन किसकी है. क्या वह नक्शा जमा करवाने के लिए अधिकृत है. ।

Tamishree Mukherjee
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