सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट कहा है कि दिल्ली के नागरिकों की शिकायतों का समाधान करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। सरकार का उद्देश्य है कि नागरिकों की समस्याओं का जल्द और प्रभावी समाधान हो। इसके लिए सभी विभाग प्रमुख को लंबित शिकायतों के निवारण के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसी कड़ी में सभी डीएम, एसडीएम और सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में ‘शिकायत पेटी’ लगाने के निर्देश दिए हैं। नागरिक इन बक्सों में अपनी शिकायतें लिखकर डाल सकते हैं। इन शिकायत पेटियों में प्राप्त होने वाली शिकायतों की निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जाएगी।
इस मसले पर मुख्यमंत्री ने आज दिल्ली सचिवालय में विभिन्न विभाग प्रमुखों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की। बैठक में पब्लिक ग्रीवांस मैनेजमेंट सिस्टम (PGMS) पोर्टल पर विभिन्न विभागों के लंबित जन शिकायतों और उसके निदान को लेकर समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि आज की बैठक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित था। इसके लिए सभी विभागों को लंबित जन शिकायतों के निवारण के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए गए है। बैठक में मुख्य सचिव धर्मेंद्र सहित राजस्व विभाग, डूसिब, दिल्ली पुलिस, डीडीए, शिक्षा निदेशालय (DoE), पीडब्ल्यूडी, समाज कल्याण विभाग, प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय, पर्यावरण और वन विभाग, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, श्रम विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, और परिवहन विभाग के विभागाध्यक्ष मौजूद थे।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि पीजीएमएस पोर्टल एक प्रभावी प्लेटफार्म है, जिसके माध्यम से विभिन्न विभागों को जनता की शिकायतों के बारे में अवगत कराया जाता है। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग में लंबित शिकायतें कतई भी स्वीकार्य नहीं हैं। इसी समस्या का समाधान सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक की गई। आज की बैठक में विभागों से एक्शन टेकन रिपोर्ट तैयार करने और लंबित शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के निर्देश दिए गए है।
जनता की समस्याओं के त्वरित और प्रभावी समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के सभी डीएम, एसडीएम और सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में ‘शिकायत पेटी’ लगाने के निर्देश दिए हैं। नागरिक इन बॉक्सेस में अपनी शिकायतें लिखकर डाल सकते हैं। इन शिकायत पेटियों में प्राप्त होने वाली शिकायतों का निरीक्षण और मूल्यांकन सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किया जाएगा, ताकि किसी भी शिकायत की अनदेखी न हो और प्रत्येक मुद्दे पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। साथ ही वाट्सएप, मोबाइल ऐप तथा टोल-फ्री नंबरों के माध्यम से भी जनता की शिकायतें लेने का प्रावधान करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली सरकारों के दौरान जन शिकायतों को लेकर भारी लापरवाही रही। न तो लोगों की समस्याएं सरकार तक पहुंचती थीं, और अगर पहुंच भी जाती थीं, तो उनका समाधान नहीं होता था। लेकिन वर्तमान सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य है एक ऐसा आधुनिक और इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम विकसित करना, जो नागरिकों की आवाज़ को तुरंत सरकार तक पहुंचाए, उनकी बात सुनी जाए, संवाद हो और त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि पब्लिक ग्रीवांस मैनेजमेंट सिस्टम को और अधिक यूज़र फ्रेंडली बनाया जाए, ताकि आम नागरिक बिना किसी तकनीकी या प्रक्रियागत बाधा के अपनी समस्याएं दर्ज कर सकें। उन्होंने पीजीएमएस प्रणाली को अपडेट करने और उसमें आवश्यक सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति बिल्कुल स्पष्ट है । किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। सभी अधिकारियों को इस संबंध में सख्त निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। हमारा प्रयास है कि शिकायत निवारण प्रणाली इतनी मजबूत और प्रभावशाली हो कि जनता की एक आवाज़ पर तुरंत कार्रवाई हो सके। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार जन समस्याओं को लेकर बेहद गंभीर है, और अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी शिकायत लंबित न रहे और जनता को सुगमता से शिकायत दर्ज करने और उसका समाधान पाने का अधिकार मिले। यह कदम शासन प्रणाली को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और संवेदनशील बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है।
उन्होंने आगे बताया कि विभागों के प्रमुखों से यह अपेक्षाएं की जाती हैं कि वे लंबित शिकायतों की निगरानी करें और जनहित में पीजीएमएस शिकायतों के प्रभावी समाधान को सुनिश्चित करें, ताकि अच्छे प्रशासन का उद्देश्य प्राप्त किया जा सके। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि भविष्य में शिकायतों के निवारण में देरी न हो और सभी विभाग अपनी कार्यप्रणाली को और पारदर्शी व जवाबदेह बनाएँ। उन्होंने जोर दिया कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य एक ऐसी व्यवस्था बनाना है, जिसमें हर नागरिक की आवाज सुनी जाए और उनकी समस्याओं का समयबद्ध समाधान हो।