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केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए पैसों से पंजाब सरकार ने पराली रोकथाम के लिए 1.5 लाख मशीन खरीदी लेकिन उसे किसानों में अब तक वितरित नहीं किया गया है –  वीरेन्द्र सचदेवा

By Tamishree Mukherjee

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केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए पैसों से पंजाब सरकार ने 1.5 लाख मशीन खरीदी

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सोशल संवाद / नई दिल्ली ( रिपोर्ट- सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज कर्तव्य पथ इंडिया गेट के पास पत्रकारों को खुले आसमान के नीचे दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का नज़ारा दिखाया और बदहाल स्थिति के लिए सुश्री आतिशी मार्लेना सरकार की अकर्मण्यता को जिम्मेदार ठहराया। उन्होने कहा की दिल्ली की मुख्य मंत्री एवं पर्यावरण मंत्री आनंद विहार के बढ़े प्रदूषण का कारण यू.पी. की बसों को बता रहे हैं जबकि वो बसे दिल्ली में प्रवेश करती ही नही पर उन्हे अपनी सरकार की लापरवाही से उसी आनंद विहार में चारों ओर टूटी हुई सड़कें नही दिखतीं।

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सचदेवा ने कहा की गोपाल राय बतायें की वह दिल्ली भर में वायु प्रदूषण का दोष दूसरों पर डाल सकते हैं पर इस साफ सुथरे कर्तव्यपथ क्षेत्र का दोष किस पर मढ़ेंगे, सच यह है की पूरी दिल्ली वायु प्रदूषण से त्रस्त है। उन्होने कहा कि दिल्ली के अंदर लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है और दिल्ली एक बार फिर से गैस चैम्बर में तब्दिल हो चुकी है। दिल्ली की आतिशी मार्लेना सरकार पिछले एक महीने से बयानबाजी तो बहुत कर रही है पर प्रदूषण के प्रमुख कारणों का अंत नहीं कर पा रही है। वीरेन्द्र सचदेवा के साथ इस मौके पर दिल्ली भाजपा प्रवक्ता एवं डी.पी.सी.सी सदस्य डॉ अनिल गुप्ता भी उपस्थित थे।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि यमुना जो हरियाणा के पल्ला से चलते वक्त बिल्कुल साफ होती है और उसका ऑक्सीजन की मात्रा 9 होता है और फिकॉल कोलिफॉम 1200 होता है। जबकि दिल्ली सरकार वहां से प्रतिदिन 200 एमजीडी पानी खुद लेती है लेकिन जैसे ही यमुना कलिंदी कुंज तक आती है, ऑक्सिजन 0 हो जाता है और साथ ही फिकॉल कोलिफॉम 9 लाख से ऊपर हो जाता है और इसका कारण है नदी में अनुपचारित सीवेज और औद्योगिक कारखानों से निकलने वाला जहरीला पानी। उन्होंने कहा कि यमुना में बने सफेद फॉग बता रहे हैं कि आज यमुना अपने बदतर स्थिति में है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि यमुना में झाग होने का कारण है दिल्ली के 18 बड़े और 32 छोटे नालों से सीधे प्रदूषित पानी का गिरना। दिल्ली सरकार की ही संस्था  के अनुसार, पानी को साफ करने के लिए लगाए गए 37 एसटीपी प्लांट में से 22 एसटीपी प्लांट मानको को पूरा नहीं करता और अनट्रीटेट पानी डायरेक्ट यमुना में जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यमुना में प्रतिदिन 2 अरब लीटर अनट्रीटेट पानी गिरता है जो सर्फेक्टेट से भरा होता है और इसमें फिलामेंटस बैक्टीरिया पाई जाती है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नदी के पानी में मिले इन जहरीली तत्वों के कारण वायु भी इससे पूरी तरह से प्रभावित होती है और हम उन्हीं जहरीली हवाओं को लेने को मजबूर है। केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली को एस.टी.पी. प्लांट लगाने और पराली को रोकने के लिए 3303 करोड़ रुपये पंजाब और हरियाणा सरकार को दिए गए जिसमें से पंजाब सरकार ने पराली रोकथाम के लिए 1.5 लाख मशीन खरीदी लेकिन उसे किसानों में अब तक वितरित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि नेशनल कैपिटल एयर प्रोग्राम के अंतर्गत केन्द्र सरकार ने 38.22 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को दिया लेकिन दिल्ली सरकार ने सिर्फ 10.77 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाई। 

सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में टूटी सड़को के कारण धूल वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक है और आज दिल्ली में प्रति 10 लोगों में से तीसरा व्यक्ति गले में खरास और अन्य बीमारी से ग्रसित है। आम आदमी पार्टी पिछले 10 सालों से सरकार में है और 76000 करोड़ रुपये के बजट वाली दिल्ली सरकार ने वायु एवं जल प्रदूषण को लेकर अभी तक कोई भी ठोस योजना नहीं बनाई है।

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता एवं पर्यावरण विशेषज्ञ डा. अनिल गुप्ता ने कहा है की दिल्ली की टूटी सड़कें एवं बंजर सड़क किनारे दिल्ली में धूल डस्ट प्रदूषण के सबसे बड़े कारण हैं। दिल्ली में पी.एम 2.5 हो या पी.एम. 10 स्तर इन दोनों को बढ़ाने में 40 से 55% योगदान सड़क की धूल डस्ट का है। अरविंद केजरीवाल सरकार में सड़कों की सेन्ट्रल वरज एवं किनारों से हरियाली गायब से हो गई  है और तो और सरकारी डाटा अनुसार दिल्ली का हरित जंगल क्षेत्र भी 0.62% घट गया है।

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