सोशल संवाद/डेस्क: आदित्य धर की फिल्म ‘Dhurandhar’ के थिएटर्स में आते ही सोशल मीडिया और रिव्यू प्लेटफॉर्म्स पर तीखी बहस शुरू हो गई है. कुछ दर्शक और रिव्यूअर्स इसे ‘प्रोपेगेंडा फिल्म’ बताकर नकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं. अब फिल्म में अहम भूमिका निभा रहे आर माधवन ने इस आलोचना पर खुलकर अपनी बात रखी है.
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आर माधवन का कहना है कि ‘धुरंधर’ को लेकर जो माहौल बन रहा है, वो उनके लिए नया नहीं है. उन्होंने याद दिलाया कि साल 2006 में रिलीज हुई ‘रंग दे बसंती’ के वक्त भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ था. तब भी फिल्म पर सवाल उठे, लेकिन वक्त के साथ उसने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया, बल्कि कल्ट क्लासिक भी बनी.
रिव्यूअर्स पर क्या बोले माधवन? एक इंटरव्यू में माधवन ने कहा कि कुछ रिव्यूअर्स सच में फिल्म को समझकर समीक्षा करते हैं, लेकिन कुछ लोग रिलीज के दिन या उससे पहले ही ‘डिजास्टर’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं. ऐसे रिव्यूज की अहमियत अपने आप कम हो जाती है. एक्टर के मुताबिक, कलाकार के तौर पर वो उन पलों का इंतजार करते हैं जब फिल्म को पहले खारिज किया जाता है और बाद में वही फिल्म सबको चौंका देती है.
‘रंग दे बसंती’ के मुश्किल दिन याद माधवन ने उस दौर का भी जिक्र किया जब ‘रंग दे बसंती’ रिलीज से पहले कई डिस्ट्रीब्यूटर्स पीछे हट गए थे. पहला शो देखने के बाद फिल्म को लंबा और जोखिम भरा बताया गया. उस वक्त निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा काफी टूटे हुए थे, लेकिन आमिर खान और प्रोड्यूसर रॉनी स्क्रूवाला का भरोसा अडिग था. नतीजा ये हुआ कि फिल्म ने कमाई और असर दोनों में इतिहास रच दिया.
धुरंधर की मौजूदा रफ्तार माधवन का मानना है कि ‘धुरंधर’ के साथ भी वही कहानी दोहराई जा रही है. शुरुआती नकारात्मकता के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है. रिलीज के पहले हफ्ते में ही इसने देश में 200 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि वर्ल्डवाइड कलेक्शन 300 करोड़ से आगे निकल चुका है. जिस रफ्तार से ‘धुरंधर’ आगे बढ़ रही है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में ये फिल्म कई नए रिकॉर्ड बना सकती है.








