सोशल संवाद / डेस्क : रेल यात्री ट्रेन में सफर के दौरान खराब खाना, कोच-टॉयलेट में गंदगी, पानी का अभाव, खराब मोबाइल चार्जिग, गंदा बेडरोल, खराब एसी-लाइट संबंधित शिकातयों का वीडियो-फोटो सीधे सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड सहित जोनल- डिविजन रेलवे के अधिकारी उक्त शिकातयों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए यात्रियों की समस्या का समाधान कर रहे हैं। पिछले छह महीने में रेलवे ने सिर्फ कैटरिंग ठेकेदारों पर 4 करोड़ 40 लाख से अधिक जुर्माना ठोका है। वहीं, ऑनबोर्ड हाउस कीपिंग व अन्य रेल ठेकेदारों पर एक करोड़ से अधिक आर्थिक दंड लगाया गया है।
दरअसल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल यात्रियों की सेवा में सुधार के लिए रेल मदद पर दर्ज होने वाली शिकायतों की निगरानी- निवारण सहित संबंधित अधिकारी- ठेकेदार पर कार्रवाई करने की हिदायत दी है। इसके तहत रेलवे बोर्ड के कंट्रोल रूम में अधिकारियों की टीम सोशल मीडिया, रेल मदद ऑनलाइन, 139 पर होने वाली शिकातयों 24 घंटे निगरानी कर रहा है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर शिकायत दर्ज होने पर जोनल रेलवे व डिजिवन में अधिकारी सक्रिय हो जाते हैं। वे यात्री से बात करने केसाथ ही उनकी समस्या का समाधान करते हैं। इसके अलावा डिविजन के अधिकारी तत्काल संबंधित ठेकेदार पर शिकायत की गंभीरता के आधार पर जुर्माना लगाने के निर्देश देते हैं।
उन्होंने बताया खराब खाना, खाने में कीड़े-कॉकरोच आदि पर कैटरिंग ठेकेदारों पर 25,000 से एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा रहा है। अप्रैल 2024 से अक्तूबर तक 1750 शिकायतों पर 25,000 हजार प्रति ठेकेदार पर जुर्माना गया है। जबकि 30 खाने की जुड़ी शिकायतों के मामले में एक लाख रुपये और एक मामले में ठेकेदार (देहरादून शताब्दी) पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अब तक रेलवे ने 4 करोड़ 40 लाख से अधिक का ठेकेदारों पर जुर्माना गया है।
कैटरिंग के अलावा ट्रेन के कोच टॉयलेट में गंदगी, गंदे बेडरोल, खराब स्विच, एसी, स्टेशन पर खराब लिफ्ट स्केलेटर, लाइट खराब होने पर 10,000 से 20,000 रुपये तक त्वरित जुर्माना लगाया जा रहा है। रेल यात्री द्वारा शिकायत संबंधी फोटो-वीडियो डालते ही रेलवे अधिकारी ठेकेदार पर जुर्माना लगाने के निर्देश दे रहे हैं। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि अप्रैल से अक्तूबर के बीच उक्त शिकातयों पर ठेकेदारों से एक करोड़ से अधिक जुर्माना वसूला जा चुका है। इसके साथ ही बार-बार एक प्रकार की शिकायत होने अथवा त्वरित समाधान नहीं होने पर डिविजन के डीआरएम- अधिकारी को चेतावनी दी जा रही है।
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