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राजभवन ने महाविद्यालय में इंटरमीडिएट नामांकन लिए जाने पर लगाई रोक, NEP 2020 का दिया हवाला

By Annu kumari

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सोशल संवाद/ डेस्क : कोल्हान विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेजों में 2025- 27 सत्र में इंटरमीडिएट में एडमिशन नहीं लिया जाएगा। इस सत्र से डिग्री कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी गई है। राज्यपाल सचिवालय के आदेश पर मंगलवार को कोल्हन विश्वविद्यालय कोल्हान के सभी अंगीभूत और संबद्धता प्राप्त कॉलेजों को प्राचार्य को निर्देश जारी करते हुए एडमिशन नहीं लेने का आदेश दिया है।

राज्यपाल सचिवालय की ओर से विश्वविद्यालय को पत्र जारी करते हुए कहा गया है कि नई शिक्षा नीति-2020 के झारखंड राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में लागू होने के उपरांत राज्य में इंटरमीडिएट की शिक्षा प्लस टू विद्यालयों में ही किया जाना है। ऐसे जानकारी प्राप्त हो रहे हैं कि आपके विश्वविद्यालयों द्वारा इंटरमीडिएट में वर्तमान में भी नामांकन लिया जा रहा है, जो कि नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के प्रतिकूल है।


एक सप्ताह के अंदर मांगे रिपोर्ट होगी कार्यवाही::
विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेज में इंटरमीडिएट में नामांकन दिया जा रहा है तो इसकी एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है वही वैसे कॉलेज जहां बिना अनुमति के इंटरमीडिएट में नामांकन शुरू की गई है ऐसे कॉलेजों पर कार्रवाई की जाएगी। पत्र के माध्यम से कहा गया है कि नई शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन बाधा उत्पन्न करना मानते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाय, इस बिंदु पर भी स्थिति स्पष्ट करें।

2000 शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी हो जाएंगे बेरोजगार:::
झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट संघ के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार पाण्डेय ने एक बयान जारी कर कहा है कि अंगीभूत महाविद्यालय से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद हो जाने से लगभग 2000 शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। सरकार को चाहिए की उनको उनकी योग्यता के अनुसार वर्षों के अनुभव को देखते हुऐ हाईस्कूल या प्लस स्तरीय बहाली में 50 प्रतिशत वरीयता देते हुए उनको बहाल करने का कार्य करें।


राकेश पाण्डेय ने कहा की लगभग 10 से 20 वर्षों से ज्यादा समय से लोग कार्य कर रहे थे ऐसे में उनका एकाएक सेवा बंद हो जाने से आर्थिक स्थिति डगमगा जाएगी। संबंधित विश्वविद्यालय को भी चाहिए की शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को अपने यहां एजेंसी के द्वारा या विश्वविद्यालय स्तर पर जो भी संभव हो उनको रख लें। कारण विश्वविद्यालयों में भी शिक्षकेत्तर कर्मचारी की भारी कमी है।

राकेश पाण्डेय ने कहा कि ए सभी ( इंटर लेवल के ननटिचिंग) इंटर के साथ विश्वविद्यालय के कार्य भी कर रहे थे इनको कार्य करने का वर्षों का अनुभव है उनके अनुभव का लाभ विश्वविद्यालय को मिलेगा। राकेश पाण्डेय ने कहा कि वे जल्द ही इस विषय को लेकर राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलेंगे।

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