सोशल संवाद/डेस्क: Ranchi में वेटिकन थीम दुर्गा पंडाल पर बवाल, आयोजकों ने विवाद के बाद किया बदलाव में इस साल का दुर्गा पूजा पंडाल चर्चा और विवाद दोनों का केंद्र बन गया है। आरआर स्पोर्टिंग क्लब ने वेटिकन थीम पर 70 लाख की लागत से पंडाल तैयार करवाया, जिसमें गुंबद, ऊंचे स्तंभ और मूर्तियां यूरोपीय गिरजाघरों की याद दिला रही थीं।
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खास बात यह थी कि दुर्गा प्रतिमा वाले मंच के ऊपर बने गुंबदनुमा हिस्से में ईसा मसीह, मरियम और ईसाई धर्मगुरुओं की तस्वीरें लगाई गई थीं। पंडाल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं और इसी के साथ विवाद भी शुरू हो गया।
वीएचपी और बीजेपी ने जताई आपत्ति
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस डिजाइन को धर्म परिवर्तन प्रेरित करने का प्रयास बताते हुए जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि निर्दोष आदिवासियों को गुमराह करने के लिए यह खतरनाक प्रयोग है और इसके पीछे किसका फंड और हित जुड़ा है, इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं, भाजपा नेता और झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर पोस्ट कर आयोजकों से धार्मिक परंपराओं का सम्मान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा 100 करोड़ सनातनी हिंदुओं की आस्था और एकता का प्रतीक है, इसलिए समिति जल्द से जल्द गलती सुधारे।
Ranchi में आयोजकों की सफाई और बदलाव का फैसला
विवाद बढ़ने के बाद आयोजकों ने सफाई दी कि उनका उद्देश्य केवल भाईचारे का संदेश देना था, किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं। क्लब प्रमुख विक्की यादव ने बताया कि यह पंडाल 2022 में कोलकाता के एक पंडाल से प्रेरित है और इसे अनूठा व आकर्षक बनाने की कोशिश की गई थी। लेकिन अब उन्होंने बदलाव करने का फैसला किया है, क्रॉस हटाए जा रहे हैं और ईसाई तस्वीरों की जगह हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाई जाएंगी।
इसी बीच झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि त्योहारों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि मां दुर्गा की मूर्ति सनातनी परंपरा के अनुसार स्थापित है और पंडाल श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए बनाए जाते हैं, इसलिए संरचना को लेकर विवाद खड़ा करना उचित नहीं है।
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर दिखा दिया कि दुर्गा पूजा जैसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव में डिजाइन और थीम भी समाज और राजनीति के बीच टकराव का कारण बन सकते हैं।








