सोशल संवाद /डेस्क : दिल्ली के राउ IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट हादसे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और MCD कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। आयोग ने 14 दिन के अंदर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। साथ ही मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि राज्य में नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी कोचिंग सेंटर्स का पता लगाएं।
दूसरी तरफ, हादसे के तीसरे दिन भी सिविल सेवा अभ्यर्थियों और स्थानीय लोगों ने राउ IAS कोचिंग सेंटर के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। राऊ IAS स्टडी सर्किल के एक अभ्यर्थी ने कहा- बेसमेंट में कोई बायोमेट्रिक लॉक सिस्टम ही नहीं था। वहां दो दरवाजे थे। एक शाम 6 बजे बंद हो जाता था। दरअसल हादसे वाले दिन से ही दावा किया जा रहा था कि बायोमेट्रिक लॉक खराब होने के कारण ही स्टूडेंट्स बेसमेंट में फंस गए थे।
मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर एक्शन लिया
आयोग ने कहा है कि मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि जलभराव के संबंध में अधिकारियों से कई शिकायतें की गईं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे नजर आता है कि अधिकारियों ने लापरवाही की। वहीं, आयोग ने पटेल नगर इलाके में जलभराव के कारण पानी में फैसले करंट से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी की मौत पर भी संज्ञान लिया है।
कैंडल मार्च और भूख हड़ताल की योजना
विरोध प्रदर्शन पर बैठे लोगों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जातीं तब तक विरोध जारी रहेगा। हम कैंडल मार्च और भूख हड़ताल भी करेंगे। हमारी मांगें राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल से पीड़ित के परिवार के सदस्यों को नैतिक आधार पर तत्काल मुआवजा और सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हैं।
31 जुलाई को हादसे की जनहित याचिका पर सुनवाई
सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच के सामने दिल्ली कोचिंग हादसे की जांच के लिए पैनल गठित करने की मांग वाली जनहित याचिका दायर की गई थी। साथ ही इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी। इस पर बुधवार (31 जुलाई) को सुनवाई होगी।
वहीं, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने सोमवार को राजस्व मंत्री आतिशी को पहली रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को कोचिंग सेंटर पर बाढ़ के कारणों का पता लगाने का निर्देश दिया गया है। वे जल्द ही इसकी फाइनल रिपोर्ट सौंपेंगे।
कल ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेठी का गठन किया। यह 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसमें हादसे के कारण, हादसे के लिए जिम्मेदारों का जिक्र होगा। साथ ही ऐसे हादसों से बचने के उपाय और नीति में बदलाव की सिफारिश भी होगी।