सोशल संवाद / जमशेदपुर : भारतीय रिज़र्व बैंक, पटना ने आरबीआई@90 समारोह के हिस्से के रूप में आज जमशेदपुर के साकची स्थित द ग्रेजुएट कॉलेज में प्राचार्या डॉक्टर वीणा सिंह प्रियदर्शी के सहयोग से एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में आरबीआई की वर्ष 1935 में स्थापना के बाद से 90 साल की यात्रा का स्मरण किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को मुद्रा प्रबंधन, डिजिटल बैंकिंग और साइबर सुरक्षा के बारे में आवश्यक ज्ञान से सशक्त बनाना था। इस आयोजन ने उन्हें अपने समुदायों में वित्तीय साक्षरता के राजदूत के रूप में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
यह भी पढ़े : जमशेदपुर में अवैध निर्माणों के खिलाफ उच्च न्यायालय की सुनवाई में महत्वपूर्ण मोड़
आरबीआई, पटना के प्रबंधक, श्रेय चौधरी और सहायक प्रबंधक, मिथिलेश कुमार यादव के नेतृत्व में आयोजित संवादात्मक सत्र में प्रमुख विषयों को शामिल किया गया, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
* भारतीय अर्थव्यवस्था और मुद्रा प्रबंधन में आरबीआई की भूमिका,
* नकली नोटों से उत्पन्न खतरे,
* डिजिटल बैंकिंग का उदय और इसके लाभ, और
* साइबर-अपराधों से बचाव के व्यावहारिक उपाय।
अग्रणी जिला प्रबंधक, संतोष कुमार ने भी सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं पर बहुमूल्य जानकारी दी। छात्रों ने चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया और विभिन्न विषयों पर उनके प्रश्नों का विशेषज्ञों द्वारा व्यापक रूप से समाधान किया गया। कार्यक्रम की सफलता प्रतिभागियों के उत्साह और सहभागिता में अच्छी तरह से प्रतिबिंबित हुई।
आरबीआई की विरासत की चर्चा करते हुए, श्रेय चौधरी ने बताया कि “वर्ष 1935 से, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुद्रा प्रबंधन, मौद्रिक नीति को लागू करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देकर भारत की अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आरबीआई@90 श्रृंखला का उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षित वित्तीय भविष्य के लिए ज्ञान से लैस करते हुए इस विरासत का जश्न मनाना है।”
यह पहल वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने, सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं को प्रोत्साहित करने, और वित्तीय रूप से जागरूक एवं सुरक्षित समाज के निर्माण के लिए आरबीआई की निरंतर प्रतिबद्धता का उदाहरण है।