सोशल संवाद / जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिमी के पूर्व विधायक बन्ना गुप्ता ने चुनाव परिणाम आने के बाद आज प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि चुनावों के परिणाम के पश्चात् मैं लगातार अपने कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों और पत्रकारों से मिल रहा हूँ. सभी अपने अपने दृष्टिकोण से हार के कारण बता रहे हैं और सभी बातें आंशिक रुप से सही है. कोई कह रहा है कि आपने विकास का काम तो काफी किया किंतु आप अपने कार्यों को ठीक ढंग से जनता तक नहीं पहुंचा पाए. कोई कह रहा है कि आपका सोशल मीडिया कमजोर रहा. जबकि विपक्षीयों का सोशल मीडिया काफी सक्रिय था. विशेष कर इनलोगों ने मुझे एक वीडियो की ओर इंगित किया, जिसमें मैं हिंदू मुस्लिम पर भाषण देता हुआ दिख रहा हूँ.
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मेरे विरोधियों ने लगभग 9 नवंबर को मेरे एक भाषण का कुछ अंश काट छांट कर चलाना प्रारंभ किया. मैंने अपने भाषण में कहा था कि अपने देश में हर दस कोस पर भाषा, बोली, खानपान और पहनावा बदल जाता है. उसके बावजूद अनेकता में एकता वाले भारत में हम सभी धर्म जात पात के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं. यदि किसी हिंदू भाई के घर में कोई समस्या आती है तो मुस्लिम भाई मदद के लिए आगे आ जाता है. वहीं किसी मुस्लिम भाई के घर कोई दिक्कत आती है तो सहयोग के लिए हिंदू भाई खड़ा मिलता है. मैंने कहा था कि यदि कोई मुस्लिम कट्टरवादी किसी हिंदू भाई पर हमला करते हैं तो उसके विरोध में मुस्लिम भाईयों को खड़ा होना चाहिए.
वहीं यदि कोई हिंदू कट्टरवादी किसी मुस्लिम के यहां हमला करते हैं, तो उसका विरोध हिंदू भाईयों को करना चाहिए. क्योंकि अपना देश उदारवाद का देश है, कट्टरवाद का देश नहीं है. यही तो माँ भारती है, यही तो मादरे वतन है यही तो अपने देश का सौंदर्य है. किंतु इस भाषण का केवल एक अंश चलाया गया. उसे भरपूर प्रसारित किया गया. मैंने भी वह वीडियो देखा, तो मैंने यही सोचा था कि चुनाव में ऐसे नकारात्मक प्रचार या यूँ कहूं कि दुष्प्रचार होते रहते हैं. जनता अब जागरूक हो चुकी है. जमशेदपुर की पढ़ी लिखी समझदार जनता इन हल्की बातों अथवा हिंदू मुस्लिम के दुष्प्रचार में नहीं पड़ने वाली. किंतु मुझे यह आभास नहीं हुआ कि वे लोग एक साजिश के तहत नेरेटिव सेट करने में कामयाब हो चुके हैं.
बन्ना गुप्ता ने कहा कि चुनाव की घोषणा के पश्चात वे अपने पांच साल के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को लेकर चुनावी मैदान में जनता में बीच थे. इसी बीच विपक्षी दल के नेता केवल धार्मिक उन्माद फैलाने का काम कर रहे थे. वो लोग मेरे विरुद्ध हिंदू मुस्लिम का एक नेरेटिव तय कर रहे थे. जिसमें वे लोग सफल भी हो गए. पिछले पांच साल के दौरान जो भी लोग अपने निजी या सामाजिक काम के लिए मेरे पास आए होंगे, वे जानते होंगे कि मैं किसी का भी काम करते समय ना उसकी जात पात पूछता था, ना विधानसभा क्षेत्र या पार्टी लाइन देखता था. मुझे यही लगता था कि यह व्यक्ति उम्मीद लेकर मेरे पास आया है, मुझे यथाशक्ति इनका काम करना है.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार हमलोग नदी, पर्वत, पेड़, पौधों, पुस्तक को पूजने वाले लोग हैं. मैंने सोनारी दोमुहानी संगम की साफ सफाई करवाई. नदी में जा रहे नालों के गंदे पानी को रोकने के लिए कई प्राकृतिक फ़िल्टर बनवाये. गंगा आरती की तर्ज पर स्वर्णरेखा नदी की आरती की. आपलोगों ने देखा होगा कि इसी नदी में गर्मी के मौसम में जलकुम्भी जमा हो जाया करती थी, किंतु इस वर्ष ऐसा कुछ नहीं हुआ. जबकि विपक्षी नेता केवल बोतलों में पानी भरकर ले जाया करते थे और जांच करवाते थे. किंतु मैंने नदी का तट और जल स्वच्छ करने तथा पूजन करने का काम किया. नदी के संगम पर विशाल और भव्य द्वार, सीढ़ियों का निर्माण करवाया.
जो महिलाएं शिव चर्चा या धार्मिक सत्संग करती हैं उनके लिए मैंने सरकारी फंड से कदमा सोनारी और मानगो में कई शेड निर्मित करवाए. अंतिम संस्कार के पश्चात् होने वाले कर्म कांड के लिए सोनारी एवं साकची में शेड और वेदी का निर्माण करवाया. विभिन्न दुर्गापूजा स्थलों पर स्थायी वेदी और शेड का निर्माण एवं पेवर्स ब्लॉक बिछाने का काम करवाया. मैंने अपनी व्यक्तिगत राशि से कई मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया है. साल के 365 दिन मैं गाय को गुड़ और रोटी खिलाता हूँ. बिना पूजा किए कभी घर से नहीं निकलता. उसके बावजूद यदि कोई मुझे हिंदू विरोधी कहता है, कहता रहे. मैं वैसे लोगों को कहना चाहता हूँ कि मैं जात पात की लड़ाई कर राजनीति करने वाला नेता नहीं हूँ बल्कि हर धर्म संप्रदाय को मान सम्मान देने वाला नेता हूँ.
बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब झारखंड सरकार ने 50 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना लागू की. तब मैंने व्यक्तिगत दिलचस्पी लेकर लगभग 40000 महिलाओं का आवेदन भरवाया और कैंप लगाकर स्वयं उन्हें प्रमाण पत्र वितरित किया. जब मईया योजना आई, तो मैंने यथासंभव फार्म भरवाए.
मैं सरयू राय जी को विधायक चुने जाने पर बधाई देता हूँ. किंतु उनको यह भी स्मरण कराना चाहता हूँ कि आपकी लड़ाई मुझसे हो सकती है. जमशेदपुर पश्चिमी की जनता ने आपका कुछ नहीं बिगाड़ा है. मैंने अपने अथक प्रयासों से लगभग 1500 करोड़ की विकास परियोजनाओं को जमशेदपुर लाने का काम किया है. यह चुनाव अंतिम चुनाव नहीं है. लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि आते जाते रहते हैं. इसलिए जो जनता के लिए जो विकास कार्य मेरे द्वारा आरंभ किए गए हैं, उनमें अड़चन ना लगाएं.