September 8, 2024 6:46 am
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बंदगांव में सरना धर्म प्रार्थना सभा सह मिलन समारोह कार्यक्रम आयोजित

सोशल संवाद/डेस्क : सरना धर्म सोतो: समिति की शाखा लुम्बई बंदगांव में रविवार को शाखा स्थापना दिवस सह सरना धर्म प्रार्थना सभा सह मिलन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. धर्मगुरु सोमा कंडीर की अगुवाई में सरनास्थल में सामूहिक पूजा-पाठ कर भगवान सिंगबोगा से सुख, समृद्धि व शांति की कामना की गई.कार्यक्रम में अतिथि पूर्व विधायक शशिभूषण सामड, समाजसेवी ड़ॉ विजय सिंह गागराई  थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धर्म गुरु सोमा कंडीर ने कहा कि सरना धर्म एक विशाल वृक्ष की तरह है.

और हम धर्म रूपी विशाल वृक्ष के पत्ते हैं. जिस प्रकार पेड़ से पत्ते अलग होते ही सड़ जाता है उसी प्रकार धर्म से अलग होते ही हम बुराइयों से घिर जाते हैं.अत: बुराई तथा विपत्तियों से बचने के लिए हमेशा धर्म से जुड़े रहना चाहिए.समाजसेवी ड़ॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि सरना धर्म प्रेम, अहिसा व भाईचारा का पाठ पढ़ाता है. समाज से धीरे-धीरे सामूहिक और सहभागिता का ह्रास हो रहा है. इसे बचाए रखने के लिए सरना धर्म समाज और संस्कृति को बचाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा अब युवक-युवतियों का समय आ रहा है. सही शिक्षा और ज्ञान हासिल करें, ताकि व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ समाज का भविष्य उज्ज्वल हो.उन्होंने कहा आदिवासी समाज को आगे बढ़ने के लिए शिक्षा को सबसे अधिक महत्व देने की जरूरत है.

कुरीतियों से हमें दूर रहना होगा. अपने अधिकारों को जानने की जरूरत है. जागरूक होकर हमें हमारा अधिकार लेना होगा.आज भी हम अपने अधिकारों को लेकर न तो जागरूक हैं, ना ही सजग. सरना प्रार्थना सभा के माध्यम से आदिवासी समाज को जागृत करने और उन्हें उनके अधिकारों को लेकर सशक्त बनाने का बेहतर प्रयास किया जा रहा है. कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसके साथ ही सभी धर्मगुरु एवं अतिथियों को आदिवासी संस्कृति से स्वागत एवं सम्मानित की गई.

कार्यक्रम देर शाम तक चला.कार्यक्रम में पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी तथा सरायकेला खरसावां जिला के काफी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे .कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों को आदिवासी समाज मे शामिल कर धर्म कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई.कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय धर्म गुरु बंधन तिग्गा,भगराय ओडिया, भैयाराम ओडिया, मथुरा कंडीर, बिरसा कंडीर, टोटी ओडिया,सूरज मुंडा,सुखराम पूर्ति,ड़ॉ सीताराम मुंडा,बुधराम मुंडा,योगेंद्र पूर्ति,कोलाय ओडिया, बंटी ओडिया, गोपाल बोदरा, जमुना मुंडा,बुधराम मुंडू,जगरनाथ मुंडरी,नंदू मुंडरी,चरण मुंडरी,माधु बारला, बुधन मुंडरी समेत करीब 500 आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे.

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