सोशल संवाद/डेस्क : सत्तू के बारे में तो आप जानते ही होंगे। यह भुने हुए चने या जौ को पीसकर बनाया जाता है। सत्तू का शरबत चाहे मीठा हो या नमकीन, पीने में बहुत स्वादिष्ट लगता है। यह पेट को ठंडक पहुंचाता है। साथ ही शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देता है, इसलिए इसे ‘देसी हॉर्लिक्स’ भी कहा जाता है। यही वजह है कि कोल्ड ड्रिंक्स के दौर में भी सत्तू का महत्व बिल्कुल भी कम नहीं हुआ है। बहुत से लोग जिम के बाद प्रोटीन शेक की जगह सत्तू का घोल ही पीते हैं।
जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, सत्तू पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। इसकी शेल्फ लाइफ बहुत अच्छी है। इसे बिना पकाए भी खाया जा सकता है। सत्तू का कूलिंग एजेंट इसे गर्मियों के लिए एक बेहतरीन ड्रिंक बनाता है।
वहीं इंटरनेशनल जर्नल ऑफ होम साइंस में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, सत्तू हमारे शरीर को फिट और तंदुरुस्त रखने में मदद करता है। यह एनर्जी और ताजगी देता है। यह सभी उम्र के लोगों लिए फायदेमंद है। हाई फाइबर कंटेंट होने के नाते यह आंतों को हेल्दी बनाता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह डायबिटिक लोगों के लिए भी अच्छा है।
एक्सपर्ट: डॉ. पूनम तिवारी, सीनियर डाइटीशियन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ
सवाल- सत्तू में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?
जवाब- सत्तू प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। सत्तू में B-कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे थायमिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं।
इसके अलावा सत्तू मिनरल्स का भी खजाना है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम समेत कई और न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं।
सवाल- सत्तू को गर्मियों का सुपरफूड क्यों माना जाता है?
जवाब- सत्तू की तासीर ठंडी होती है, जो गर्मियों में शरीर को अंदर से ठंडा रखने में मदद करती है। गर्मियों में पसीने के कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। ऐसे में सत्तू इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है। इससे हीट स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
सत्तू पानी में मिलाकर पिया जाता है, जिससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। इसके अलावा गर्मी में पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में फाइबर रिच कंटेंट होने के कारण सत्तू पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
सवाल- सत्तू हमारी सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है?
जवाब- सत्तू में मौजूद फाइबर और प्रोटीन भूख को कंट्रोल करते हैं। इससे वजन घटाने में मदद मिलती है। वहीं कॉम्प्लेक्स कार्ब्स धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे शरीर में लंबे समय तक एनर्जी बनी रहती है।
इसके अलावा सत्तू में मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल करते हैं। इससे हार्ट हेल्थ बेहतर होती है। वहीं कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। सत्तू हमारी सेहत के लिए और कैसे फायदेमंद है।
सवाल- सत्तू खाने या पीने का सही समय क्या है?
जवाब- इसका सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है। इससे पाचन तंत्र एक्टिव होता है। साथ ही दिनभर के लिए एनर्जी मिलती है। वजन घटाने वालों के लिए ये समय सबसे बेहतर समय है। इसके अलावा लंच की जगह हल्का सत्तू ले सकते हैं। यह शरीर को ठंडा रखता है और लू से बचाता है।
प्रोटीन से भरपूर सत्तू का सेवन एक्सरसाइज के बाद भी किया जा सकता है। इससे मसल्स रिकवरी में मदद मिलती है। भोजन के तुरंत बाद और रात में सत्तू का सेवन न करें तो बेहतर है क्योंकि इसे पचने में ज्यादा समय लगता है।
सवाल- क्या प्रेग्नेंसी में सत्तू पीना सुरक्षित है?
जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि हां, प्रेग्नेंसी के दौरान सत्तू पीना सुरक्षित है। इसमें मौजूद पोषक तत्व प्रेंग्नेंट वुमन और होने वाले बच्चे के लिए फायदेमंद हैं। हालांकि प्रेग्नेंसी के समय कुछ भी अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
सवाल- किन लोगों को सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए?
जवाब- सत्तू में ऑक्सालेट होता है, जो किडनी स्टोन की परेशानी को बढ़ा सकता है। ऐसे में जिन लोगों को किडनी स्टोन की समस्या है, उन्हें सत्तू का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
जिनका पाचन तंत्र कमजोर है, उन्हें सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा जो लोग कोई दवा ले रहे हैं, वे अपनी डाइट में सत्तू शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी को चने या अन्य अनाज से एलर्जी है तो उन्हें भी सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।