सोशल संवाद/डेस्क: सुनीता जाट बनीं UPSC CMS टॉपर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव सुवाणा की रहने वाली सुनीता जाट की कहानी हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है, जिसे समाज बार-बार यह कहता है कि “लड़कियां पढ़ने के लिए नहीं, घर संभालने के लिए बनी हैं।” लेकिन सुनीता ने इस सोच को तोड़ दिया।

यह भी पढ़ें: WBSSC SLST 2025 रिजल्ट जारी, ऐसे करें डाउनलोड
जहां उनके गांव में लड़कियों की कम उम्र में शादी कर दी जाती थी, वहीं सुनीता ने ठान लिया कि वो पढ़ेंगी और खुद अपनी पहचान बनाएंगी। 12वीं तक गांव में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई का फैसला लिया। पिता ने समाज की परवाह किए बिना उन्हें कोटा भेजा ताकि वो डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकें।
सुनीता ने कठिन परिस्थितियों में मेहनत की और AIPMT में AIR 27वीं रैंक हासिल कर MBBS में दाखिला लिया। सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन इसी दौरान पिता का निधन हो गया। वो टूट गईं, डिप्रेशन में चली गईं, लेकिन फिर भी हार नहीं मानी और अपने सपनों को आगे बढ़ाया।
पीजी की पढ़ाई के दौरान उन्होंने जाना कि UPSC के जरिए मेडिकल ऑफिसर बना जा सकता है। उन्होंने तैयारी शुरू की, लेकिन परिवार वालों ने शादी करा दी। शादी के बाद पति ने कहा कि वो पढ़ और काम सकती हैं, लेकिन जब पहला प्रयास असफल हुआ तो पति और ससुराल वालों ने साथ छोड़ दिया। सुनीता उस समय प्रेग्नेंट थीं और एक सिंगल मदर के रूप में उन्होंने जिंदगी की सबसे कठिन लड़ाई लड़ी।
लोगों के तानों, कोर्ट के चक्करों और बच्चे की जिम्मेदारी के बीच उन्होंने फिर से UPSC की तैयारी की। मां ने हिम्मत दी “हार मत मानो।” और सुनीता ने भी हार नहीं मानी।
2025 में सुनीता ने UPSC CMS परीक्षा में AIR 23वीं रैंक हासिल की और आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर बनकर अपनी सफलता की कहानी लिख दी।
जब उन्होंने रिजल्ट देखा, तो वो जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर में थीं। खुशी के आंसू थम ही नहीं रहे थे। उन्होंने कहा “मेरे लिए ये सिर्फ रिजल्ट नहीं, एक नई जिंदगी की शुरुआत है।” आज सुनीता जाट उन लाखों बेटियों के लिए मिसाल हैं जो हालातों से हार मान लेती हैं। वो कहती हैं “कंफर्टजोन से बाहर निकलो, मुश्किलें ही सफलता का असली रास्ता दिखाती हैं।”








