सोशल संवाद/डेस्क/Shibu Soren Bharat Ratna: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। सदन ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया कि झामुमो संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। यह संकल्प परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ द्वारा सदन में पेश किया गया था, जिसे ध्वनिमत से पास कर केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय हुआ।
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Shibu Soren Bharat Ratna: विपक्ष की मांग
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि झारखंड आंदोलन और अलग राज्य के निर्माण में जयपाल सिंह मुंडा और विनोद बिहारी महतो का भी बड़ा योगदान रहा है। इसलिए उनकी भूमिका को भी केंद्र सरकार तक भेजे जाने वाले प्रस्ताव में शामिल किया जाना चाहिए। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सदन में यह मांग रखी कि विधानसभा परिसर में शिबू सोरेन, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और अमर शहीद सिद्धो-कान्हू की प्रतिमाएं स्थापित की जाएं।
शिबू सोरेन का योगदान
गौरतलब है कि शिबू सोरेन का 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया।
81 वर्षीय सोरेन ने न सिर्फ झारखंड आंदोलन को नेतृत्व दिया, बल्कि आदिवासी राजनीति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने झारखंड और आदिवासी समाज के अधिकारों की आवाज़ बुलंद की।
उनका निधन झारखंड की राजनीति के एक युग का अंत माना जा रहा है।
सदन में हंगामा
पूरक मानसून सत्र का अंतिम दिन काफी हंगामेदार रहा। भाजपा विधायकों ने झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक 2025 को राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताते हुए इसका विरोध किया। विपक्ष का आरोप था कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर राजनीतिक पूर्वाग्रह से फैसले ले रही है।
इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने नगड़ी स्थित रिम्स टू परियोजना के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि किसानों और रैयतों की जमीन छीनी जा रही है, आंदोलन करने वालों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया और 85 किसानों पर एफआईआर दर्ज कर दी गई। मरांडी ने किसानों की जमीन वापस करने की मांग की। लगातार नारेबाजी और हंगामे से प्रश्नकाल बाधित हुआ तो स्पीकर ने नाराज़गी जताई।
उन्होंने कहा कि यदि यही स्थिति बनी रही तो आगे प्रश्न स्वीकार करने पर विचार करना पड़ेगा। फिर भी हंगामा थमा नहीं और कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा। हंगामे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच भी सदन ने शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास किया। यह कदम झारखंड की राजनीति और आदिवासी आंदोलन की ऐतिहासिक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने वाला माना जा रहा है।








