सोशल संवाद /डेस्क: संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार (2 अगस्त) को दसवां दिन है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया।
शिवराज ने कहा- कांग्रेस को याद आए तो भी शकुनि याद आए। शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह इन सारे शब्दों का संबंध अधर्म से है… जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
उन्होंने आगे कहा कि शकुनि छल, धोखे और कपट के प्रतीक थे। चौसर में थे तो धोखे से ही हराया गया था। चक्रव्यूह मतलब घेर के मारना। अब कांग्रेस को क्यों चक्रव्यहू, शकुनि, चौसर ही याद आते हैं।” शिवराज ने आगे कहा कि हम जब महाभारत काल में जाते हैं तो भगवान श्रीकृष्ण याद आते हैं।
शिवराज का ये बयान राहुल गांधी के उस बयान पर आया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने कहा था कि महाभारत में अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है।
शिवराज सिंह बोले- कांग्रेस के DNA में किसान का विरोध है
शिवराज ने कहा- कांग्रेस के DNA में किसान विरोध है। कांग्रेस की प्राथमिकताएं प्रारंभ से ही गलत रहीं। जवाहरलाल नेहरू 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे। तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। इंदिरा गांधी के समय किसानों से जबरन लेवी वसूली का काम होता था।
राहुल ने कहा था- केंद्र का बजट महाभारत के चक्रव्यूह जैसा
29 जुलाई को मानसून सत्र के छठवें दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने लोकसभा में कुल 46 मिनट भाषण दिया। इसमें 4 बार अडाणी-अंबानी का नाम लिया, दो बार मुंह पर उंगली रखी।
स्पीकर ने भाषण के दौरान राहुल को 4 बार टोका था। राहुल ने जब हलवा सेरेमनी का पोस्टर लहराया, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया था। राहुल ने कहा था हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर 6 लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है।
21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है- वह भी कमल के फूल के रूप में तैयार हुआ है। इसका चिह्न प्रधानमंत्री अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। आज चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। ये 6 लोग- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अडाणी और अंबानी हैं।
संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार (2 अगस्त) को दसवां दिन है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया।
शिवराज ने कहा- कांग्रेस को याद आए तो भी शकुनि याद आए। शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह इन सारे शब्दों का संबंध अधर्म से है… जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
उन्होंने आगे कहा कि शकुनि छल, धोखे और कपट के प्रतीक थे। चौसर में थे तो धोखे से ही हराया गया था। चक्रव्यूह मतलब घेर के मारना। अब कांग्रेस को क्यों चक्रव्यहू, शकुनि, चौसर ही याद आते हैं।” शिवराज ने आगे कहा कि हम जब महाभारत काल में जाते हैं तो भगवान श्रीकृष्ण याद आते हैं।
शिवराज का ये बयान राहुल गांधी के उस बयान पर आया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने कहा था कि महाभारत में अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है।
शिवराज सिंह बोले- कांग्रेस के DNA में किसान का विरोध है
शिवराज ने कहा- कांग्रेस के DNA में किसान विरोध है। कांग्रेस की प्राथमिकताएं प्रारंभ से ही गलत रहीं। जवाहरलाल नेहरू 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे। तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। इंदिरा गांधी के समय किसानों से जबरन लेवी वसूली का काम होता था।
राहुल ने कहा था- केंद्र का बजट महाभारत के चक्रव्यूह जैसा
29 जुलाई को मानसून सत्र के छठवें दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने लोकसभा में कुल 46 मिनट भाषण दिया। इसमें 4 बार अडाणी-अंबानी का नाम लिया, दो बार मुंह पर उंगली रखी।
स्पीकर ने भाषण के दौरान राहुल को 4 बार टोका था। राहुल ने जब हलवा सेरेमनी का पोस्टर लहराया, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया था। राहुल ने कहा था हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर 6 लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है।
21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है- वह भी कमल के फूल के रूप में तैयार हुआ है। इसका चिह्न प्रधानमंत्री अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। आज चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। ये 6 लोग- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अडाणी और अंबानी हैं।
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