सोशल संवाद/ डेस्क: बिहार में बाल अपराध के आकड़ें तीन गुण बढ़ गए है। हर वर्ष बाल अपराधियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है। इसकी गवाही पुलिस मुख्यालय के आंकड़े बताते हैं। आंकड़े के अनुसार राज्य में पिछले 5 सालों में बाल अपराधियों की संख्या ढ़ाई से तीन गुना तक बढ़ गई है. अपराध अनुसंधान विभाग के कमजोर वर्ग के अपर पुलिस महा निदेशक अमित कुमार जैन के अनुसार साल 2020 में 7631 बालक और किशोरों के विरुद्ध 6543 केस दर्ज हुए हैं।
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यह आंकड़ा 2021 में बढ़कर 12 हजार, 2022 में 19 हजार 75, 2023 में 20 हजार 235 और 2024 में बढ़कर 21 हजार से भी ज्यादा हो गया. बताया गया है कि इस साल जून तक 10 हजार 908 बालक-किशोरों के खिलाफ 9 हजार 126 मामले दर्ज हुए हैं. साल 2020 से जून 2025 तक के कुल आंकड़े देखें तो 77 हजार 384 आपराधिक मामलों में 90 हजार 935 बालक-किशोर शामिल रहे हैं. जिसमें 4,241 लड़कियां और 82 हजार 694 लड़के शामिल हैं।
अपराध की दुनिया में बालकों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. पेशेवर संगठित अपराधी भी अपराध के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हैं. बालकों के विरुद्ध दर्ज मामलों में सर्वाधिक मामले चोरी, डकैती, वाहन चोरी, दुष्कर्म, नशीले पदार्थ की तस्करी या सेवन, साइबर अपराध और समूह हिंसा से जुड़े हुए हैं।