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होली पर रंगों की खरीदारी करते समय रहे सावधान,कही खराब न हो जाए आपकी त्वचा

By Tamishree Mukherjee

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सोशल संवाद/ डेस्क : रंगों में मिलावट कई तरीको से की जाती है जैसे कि सस्ती सामग्री मिलाना, कृत्रिम रंगों का उपयोग करना या हानिकारक पदार्थों को मिलाना। यह रंग कांच के पाउडर,बारीक़ रेत, मरकरी सल्फाइड और डाई जैसी चीजों की मिलावट से बनाए जाते हैं, जो आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं.

कुछ नकली रंगों में मरकरी, लेड और क्रोमियम जैसे खतरनाक पदार्थ मौजूद हो सकते हैं, जो त्वचा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. इनमें एल्युमिनियम ब्रोमाइड (aluminum bromide) हो सकता है, जो त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है.

इन रंगों से खेले होली

फुलो से बने रंग बहुत अच्छा होता है हमारे त्वजा के लिए जिसमें किसी प्रकार का कोई केमिकल नही मिला रहता है
होली में रंगों का उपयोग करने से हमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक लाभ मिलते हैं। इसलिए होली में रंगों की विज्ञान को समझें। इस लेख में होली के रंगों का अलग महत्व होता है
रंग खेल कर लोग अपने मन को खुश करने की कोशिश करते है लोगो से मिलना उनको कलर लगा मिठाई खिलाना सबके मन को खुशियों से भर देता है

रंग और उनके महत्व

लाल रंग

ऊर्जा और आत्मविश्वास का रंग है। यह रंग जोश और साहस बढ़ाने में मदद करता है। रक्त संचार को बेहतर बनाता है और थकान दूर करता है

पिला रंग

पीला रंग सकारात्मकता और बुद्धिमता का रंग है। यह रंग खुशी, आत्मनिर्भता और रचनात्मकता को बढ़ाता है

नीला रंग
होली में नीले रंग का महत्व प्रेम, विश्वास, शांति, विशालता और स्थिरता को दर्शाता है, यह कृष्ण का प्रतीक भी है, जो अक्सर होली से जुड़े हैं.

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