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जमशेदपुर में निकली ‘सिंदूर यात्रा’, महिलाओं ने दी देशभक्ति की मिसाल

By Riya Kumari

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'Sindoor Yatra' took place in Jamshedpur, women set an example of patriotism

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 सोशल संवाद / जमशेदपुर : सिंदूर हर भारतीय नारी के सम्मान, संस्कृति और सुहाग की प्रतीक है। जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पहलगाम में देश की बहनों के सिंदूर को मिटाने का दुस्साहस किया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ संकल्प में देश की सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकियों को उनके ही घर में घुसकर मिट्टी में मिलाया और पूरी दुनिया को भारत की सैन्य शक्ति का परिचय दिया।

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सेना की इसी वीरता का उद्घोष करने, बहनों के सिंदूर का सम्मान पुनः स्थापित करने तथा आतंकी घटना के पीड़ित बहनों को संबल देने के उद्देश्य से जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू के नेतृत्व में रविवार को “सिंदूर यात्रा” का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र की हज़ारों माताओं-बहनों ने हाथों में सिंदूर और तिरंगा लेकर उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस यात्रा में विधायक पूर्णिमा साहू ने भी भाग लिया और मिट्टी के कलश सिंदूर लेकर यात्रा की अगुवाई की। सिंदूर यात्रा गोलमुरी जॉगर्स पार्क से प्रारंभ होकर गोलमुरी चौक, श्रीहनुमान मंदिर चौक, फ़ूड प्लाजा के रास्ते गोलमुरी पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचकर समाप्त हुई। शहीद स्मारक पर विधायक पूर्णिमा साहू समेत अन्य महिलाओं ने शहीद वीर सपूतों के बलिदान को स्मरण कर श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया। यात्रा में देशभक्ति गीतों के संग सैनिकों की वीरता और देशभक्ति को समर्पित नारों के साथ पाकिस्तान के खिलाफ नारे गुंजायमान रहे। वहीं, महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर संदेश दिया कि नारी शक्ति देश की सुरक्षा और गरिमा के लिए हमेशा सजग और एकजुट हैं।

इस अवसर पर विधायक पूर्णिमा साहू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सम्मान में मातृशक्ति की ओर से सिंदूर यात्रा निकाली गई है। इस यात्रा का उद्देश्य हमारे सुहाग की रक्षा करनेवाले जांबाज़ सैनिकों के प्रति आभार प्रकट करना है। कहा कि हम चाहते हैं कि वीर जवानों के माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं और देश की रक्षा और उनके संघर्ष के लिए उनका शुक्रिया अदा करें। उन्होंने कहा कि सिंदूर को मिटाने का अंजाम क्या हो सकता है उसे पाकिस्तान और उसके पालतू आतंकियों ने देखा। बहनों की सिंदूर को मिटाने की कोशिश करने वालों को हमारे सैनिकों ने दिखा दिया कि सिंदूर की रक्षा करने के लिए भारत किस हद तक जा सकता है। सिंदूर यात्रा में हजारों माताओं-बहनों ने संदेश दिया कि वे सेना और आतंकी हमले की पीड़ित बहनों के साथ खड़ी हैं। पूर्णिमा साहू ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इस देश की नारियां भी घरों से निकलकर हाथों में शस्त्र उठाकर देश की रक्षा के लिए आगे आने से पीछे नहीं हटेगी।

यात्रा में राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष कल्याणी शरण, जिला परिषद सदस्य कुसुम पूर्ति, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष नीलू मछुआ, सुधा यादव, उर्मिला दास, बिमला साहू, संजना साहू, रूपा देवी, शीलू साहू, मधु तांती, रूबी झा, रेणु शर्मा, लकी सिंह राजपूत, रीना चौधरी, कैलाशपति मिश्रा, मीनू देवी, मीरा साहू, सोनिया साहू, सरस्वती साहू, दशमी पूर्ति, मिस्टू सोना, मीणा सिन्हा, ममता भूमिज, लक्की कौर, रानी ठाकुर, मिली सिंह, लीना चौधरी, मीरा झा, पद्मा देवी, भारती देवी, गौरी कर, प्रेमलता प्रसाद, सोमना राय, मुनमुन भट्टाचार्य, दुर्गा सेनापति, आरती ओझा, संजुला देवी, सिन्नी सोय, सुकुरमुनि हेम्ब्रम, सीता हेम्ब्रम, कपुरा होनादा, कर्पुरा सुंडी, रीना मुखी, पूनम मुखी, बबिता मुखी, सीमा मुखी समेत हज़ारों महिलाएं मौजूद रही।

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