सोशल संवाद/जमशेदपुर (रिपोर्ट -आलोक पाण्डेय ) : सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री नें सभी मोबाईल एवं इलेक्ट्रॉनिक निर्माता कंपनियों को सुझाव देते हुये आग्रह किया है कि वे स्थानीय परंपरागत दुकानोंदारों के द्वारा किये जा रहे सामानों की बिक्री के लिये अलग मॉडल और ऑनलाईन कंपनियांे के बिक्री के लिये अलग-अलग मॉडलों को उपलब्ध कराये क्योंकि ऑनलाईन कंपनियां आकर्षक छूट और ग्राहकों को विभिन्न तरह के गिफ्ट ऑफर के साथ व्यापार करने की नीति अपनाती है इसके समक्ष परंपरागत स्थानीय दुकानदार ऑनलाईन कंपनियों के द्वारा अपनाई जा रही इस नीति के साथ व्यापार करने में असमर्थ होते हैं क्योंकि इन दुकानदारों को कई तरह के अन्य खर्च वहन करने पड़ते हैं। यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने संयुक्त रूप से दी।
स्थानीय परंपरागत दुकानदार जो पीढ़ी दर पीढ़ी तीन-चार पीढ़ीयों से लगातार अपना व्यापार कर रहे हैं वे सरकार को कई तरह के टैक्स का भुगतान कर राज्य एवं राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। ये व्यापारी हर सुख-दुख, प्राकृतिक आपदा एवं विषम परिस्थितियों में अपने क्षेत्र के लोगों एवं प्रशासन के समक्ष सहयोग के लिये हमेशा खड़े रहते हैं। ये अपने कर्मचारियों को वेतन, मजदूरी देकर उनके परिवार के लोगों का भी एक तरह से भरण-पोषण करने की जिम्मेवारी उठाते हैं इसलिये वे ग्राहकों को ऑनलाईन कंपिनयोें की तरह छूट एवं उपहार देने तथा ऑनलाईन कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ होते हैं जिससे ग्राहक आज ऑनलाईन कंपनियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं और परंपरागत स्थाई दुकानदारों का व्यापार दिनोंदिन घटता जा रहा है और इनका भविष्य अनिश्चित है।
इसके दुष्प्रभाव भी भविष्य में बढ़ती बेरोजगारी के रूप में देखने को मिलेंगे। इसलिये भविष्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुये मोबाईल एवं इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां ऑनलाईन कंपनियों तथा परंपरागत स्थाई दुकानदारों को दो श्रेणियों में बांटकर अलग-अलग मॉडल उलपब्ध करायें और ऑनलाईन कंपनियों को वे ही मॉडल उपलब्ध करायें जो स्थानीय परंपरागत दुकानदारों के द्वारा बेचे नहीं जाते हैं।
अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया के साथ-साथ सभी पदाधिकारियों उपाध्यक्ष अनिल मोदी, राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया, सुरेश शर्मा लिपु, विनोद शर्मा, कोषाध्यक्ष सीए अनिल कुमार रिंगसिया ने भी कंपनियों से आग्रह किया वे चैम्बर के सुझाव पर त्वरित निर्णय लेकर परंपरागत स्थानीय दुकानदारों को व्यापार को बचाने में आगे आयें।