सोशल संवाद/डेस्क: निर्वाचन आयोग ने नवंबर से देशभर में मतदाता सूचियों की गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारी पूरी कर ली है। SIR का कार्यक्रम इस तरह से बनाया जाएगा कि अगले साल मई में चुनाव वाले राज्यों में भी यह काम पूरा हो सके।
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मार्च 2026 तक सभी राज्यों में नई मतदाता सूची तैयार करने की योजना है। सभी राज्यों के चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
मतदाता सूची को अपडेट करना मकसद
आयोग का दावा है कि उनका पूरा ध्यान केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल, असम और पुडुचेरी पर है, जहां मई 2026 तक चुनाव होने हैं। SIR का उद्देश्य मतदाता सूचियों में दोहरे मतदाताओं को हटाना और यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता भारतीय नागरिक है।
ऐसी समीक्षा 2 दशक बाद हो रही है, क्योंकि शहरीकरण और माइग्रेशन बढ़ने से इसकी जरूरत महसूस हुई। यहां हालात ऐसे आंध्र प्रदेश में 2003-2004 5.5 करोड़ मतदाता थे, अब 6.6 करोड़ हैं। उत्तर प्रदेश में 2003 में 11.5 करोड़ थे, अब 15.9 करोड़ हैं। दिल्ली में 2008 में 1.1 करोड़ थे, अब 1.5 करोड़ हैं।
बैठक में तय हुआ कि बीएलओ हर मतदाता के घर जाकर प्री फील्ड फॉर्म पहुंचाएंगे। इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर तक 18 वर्ष के हर मतदाता को शामिल माना जाएगा। देशभर में 99 करोड़ 10 लाख मतदाता हैं। इनमें से बिहार
करीब 8 करोड़ मतदाताओं की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 2002 से 2004 के बीच SIR में 70 करोड़ मतदाता दर्ज हुए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि 21 करोड़ मतदाताओं को ही जरूरी दस्तावेज देने होंगे।








