सोशल संवाद, जमशेदपुर :
- पूर्व गुरुवार को पवित्र समारोह की अगुआई की और प्रतीक स्वरूप 12 विश्वासियों के पैर धोने की परंपरा निभाई
- गोलमुरी संत जोसेफ सहित विभिन्न चर्चों में ईसाई धर्मावलंबी करेंगे प्रार्थना
- इस दिन प्रभु यीशु मसीह को कई यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया
शहर में शहर के ईसाई समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को प्रभु यीशु के पीड़ा और मानव जाति के लिए उनके बलिदान को याद करते हुए गुड फ्राइडे मनाया। इसके पूर्व सांध्य पर गुरुवार को अंतिम भोज के साथ ही इसकी शुरुआत हुई। वहीं रविवार को ईस्टर पर्व मनाएंगे।
निकली शोभा यात्रा
गोलमुरी चर्च, चर्च संत जोसेफ, सेंट मैरी बिस्टुपुर सहित शहर के तमाम चर्चा में इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। गुरुवार को शाम छह बजे से सभी ईसाइयों ने अपने-अपने चर्चों में प्रभु के ‘अंतिम भोज’ का पर्व मनाया। शहर के तमाम गिरजाघर में दोपहर 12 बजे से लेकर 3 तक प्रभु यीशु को याद किया। गोलमुरी चर्च से दोपहर में पद यात्रा निकाली गई । पदयात्रा के दौरान विशप प्रभु यीशु का संदेश सुनाएंगे। इस यात्रा में समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए।
मानव सेवा को परम धर्म मानने के कारण ही ख्रीस्तीय धर्म का अस्तित्व है
भिलाई पहाड़ी चर्च के फ़ादर डेविड ने बताया की गुड फ्राइडे के एक दिन पूर्व गुरुवार को पवित्र समारोह की अगुआई की और प्रतीक स्वरूप 12 विश्वासियों के पैर धोने की परंपरा निभाई। इस अवसर पर बिशप धार्मिक प्रवचन देंगे। उन्होंने कहा कि येशु ख्रीस्त ईश पुत्र होते हुए भी अपने स्वर्गीय पिता के समतुल्य नहीं होना चाहते थे, अपितु वह मानवों के सेवक बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने प्रेम को नया अर्थ देते हुए अपने शिष्यों को भी दूसरों के पैर धोने की शिक्षा दी। मानव सेवा को परम धर्म मानने के कारण ही ख्रीस्तीय धर्म का अस्तित्व है। इसलिए यह पवित्र गुरुवार का दिन ख्रीस्त, पुरोहिताई, प्रेम और सेवा के महत्व को दर्शाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। येशु ख्रीस्त ने ‘यूख्रीस्तीय’ एवं ‘पुरोहिताई’ की स्थापना की है। इसलिये यह दोनों ईसाइयों के लिये आध्यात्मिकता के अभिन्न स्रोत हैं।
ईसा मसीह को शुक्रवार को सूली पर चढ़ाया गया था
प्रभु यीशु ने इसी दिन संसार की समस्त मानव जाति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने हेतु येरूशलम स्थित गुलुम्बा नामक पहाड़ी की क्रूस पर खुशी-खुशी अपने प्राणों को त्याग दिया था। इस दिन ईसाई धर्म वाली इस दुख को जाहिर करने के लिए लाल रंग के कपड़े जिस पर गोल्डेन कलर का क्रॉस बना होता है उसे पहन कर गुड फ्राइडे का त्यौहार मनाते हैं हालांकि कई जगहों पर काले रंग के कपड़े या फिर सफेद रंग के कपड़े भी लोग पहनते हैं। इसके बाद शनिवार की रात पवित्र पास्का जागरण का आयोजन विभिन्न गिरजाघरों में होगा। तीसरे दिन रविवार की सुबह भी प्रार्थना, मिस्सा बलिदान होगा और मसीह लोग ईस्टर पर्व मनाएंगे। विशेष तौर पर ईस्टर संडे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाता है। सूली पर चढ़ने के 3 दिन बाद प्रभु यीशु के पुन जीवित हुए थे जिस कारण गुड फ्राइडे के बाद तीसरे दिन ईस्टर संडे मनाया जाता है। इसलिए 20 अप्रैल रविवार को ईस्टर मनाया जाएगा।