राजनीति

जयराम रमेश, सांसद और एआईसीसी महासचिव ने एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया

सोशल संवाद/दिल्ली(रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश): जयराम रमेश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज शाम को कांग्रेस पार्टी की संसदीय दल की नेता, श्रीमती सोनिया गांधी जी ने एक मीटिंग ली, बैठक हुई उनके ऑफिस में और इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी भी थे और राज्यसभा के और लोकसभा के हमारे कई सांसद भी मौजूद थे। ऐसे तो आज शीतकालीन सत्र का पहला दिन है और आज सुबह ‘इंडिया’ गठबंधन के सारे दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई थी, वो खरगे जी ने ली थी। आज शाम को जो मुद्दे आने वाले हैं (संसद में), जो बिल सरकार ला रही है और जिन विषयों पर हम चर्चा चाहते हैं, उन पर काफी लंबी बहस हुई। वैसे तो सरकार की ओर से जो एजेंडा है, वो स्पष्ट है और उसके लिए समय भी एलोकेट हो चुका है।

हम सभी जो डिबेट होगी, जो चर्चा होगी संसद में… लोकसभा और राज्यसभा में, हम उसमें पूरी तरह से भाग लेंगे। जो हमारी आपत्तियां हैं, हम बिल का विरोध जो कर रहे हैं, वो हम खुलकर करेंगे। पर हम ज़रूर बहस में भाग लेंगे और कुछ ऐसे बिल हैं, जो स्टैंडिंग कमेटी में गए हैं और स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट भी पेश हुई है, पर फिर भी हम इन बिलों के खिलाफ़ हैं। खासतौर से जो तीन नए बिल पेश किए गए हैं… इंडियन पीनल कोड, कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर और इंडियन एविडेंस एक्ट को बदलने के लिए…  हम इसके खिलाफ हैं। क्योंकि ये बड़े ख़तरनाक विधेयक हैं और हमने स्टैंडिंग कमेटी में भी हमारी आपत्तियां जताई थीं, हमारे सांसदों ने डिसेंट (dissent) नोट भी दिया था। पर अभी जब लोकसभा में आएगा और राज्यसभा में आएगा, तब हम इसमें बहस में भाग लेंगे। पर हम इन बिलों का ज़रूर विरोध करेंगे; सीईसी बिल का भी हम विरोध करेंगे।

इसके अलावा जो सीमा पर हमारी चुनौतियां हैं, जो मौजूदा परिस्थितियां हैं… उनको भी लेकर हमने पिछले कुछ सत्रों में चिंता जताई थी। हम चाहते हैं उन पर भी चर्चा हो, क्योंकि ये पार्लियामेंट का आखिरी सेशन… अगला सेशन जो जनवरी में होगा, छह-सात दिन का होगा, वोट ऑन अकाउंट सेशन होगा… पर हम चाहते हैं कि मौजूदा आर्थिक स्थिति और सीमा पर जो मौजूदा परिस्थितियां हैं, जो चुनौतियां हैं, जिनका हमें रोज़ सामना करना पड़ रहा है… उन पर भी चर्चा हो। पर्यावरण को लेकर भी, जो हाल ही में हमें उत्तराखंड में देखने को मिला है, पर्यावरण से संबंधित कई विषय हैं… पर्यावरण और विकास के बीच में कैसे संतुलन बनाया जाए; जिस तरीके से पर्यावरण और वन कानून कमजोर किए जा रहे हैं, उसको नजरअंदाज़ किया जा रहा है, जिसका नतीजा हम हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कई उत्तरी पूर्वी राज्यों में देख रहे हैं…. उस पर भी बातचीत हुई और उस पर भी हम सरकार से गुजारिश करेंगे कि वो बहस के लिए समय एलोकेट करें।

और मैं एक बात और कह दूं, चुनाव के नतीजे ज़रूर निराशाजनक हैं, पर हम निराश नहीं हैं। ये मत समझिए कि कांग्रेस पार्टी निराश है। नतीजे निराशाजनक हैं ज़रूर, उसमें कोई दो राय नहीं हो सकती। तेलंगाना की जीत के बावजूद वो निराशाजनक हैं राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में। उसका विश्लेषण हो रहा है, उस पर बातचीत हो रही है। पर हम लोग निराश नहीं हैं, हमारा संकल्प दृढ़ है और हम लड़ेंगे। लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी जल्द से जल्द शुरू हो जाएगी। 6 तारीख को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी ने बैठक बुलाई है… ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं से 6 तारीख शाम को इनफॉर्मल मीटिंग होगी, ये फॉर्मल मीटिंग नहीं है। ये अनौपचारिक तौर पर मीटिंग है, औपचारिक तरीके से ये मीटिंग नहीं है, पर अनौपचारिक समूह है और ये मीटिंग होगी 6 तारीख शाम को… तो हम कदम ले रहे हैं।

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