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पहली बार शुरुआत हुई मंदिर मैनेजमेंट की पढ़ाई, जानें छात्रों क्या मिलेगा फायदा

By Annu kumari

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सोशल संवाद/डेस्क: नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद स्कूलों और विश्वविद्यालयों में कई नए नवाचार किए जा रहे हैं। नए नए कोर्स भी शुरू किए जा रहे है।इसी क्रम में राजस्थान पाठ्यक्रम में बदलाव और नए डिप्लोमा कोर्स शुरू हो रहे हैं। इसी कड़ी में, जयपुर के जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में मंदिर प्रबंधन के नाम से एक नया डिप्लोमा कोर्स शुरू होने जा रहा है।

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इस कोर्स में स्टूडेंट्स को विधान, नैतिक जिम्मेदारियां, नए मंदिरों की स्थापना और धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। बता दें कि राजस्थान समेत पूरे देश में धार्मिक पर्यटन का चलन तेजी से बढ़ रहा है।

राजस्थान के कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और मंदिर जैसे खाटूश्यामजी, सांवरिया सेठ, जीणमाता, सालासर धाम, देशनोक स्थित करणी माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। इस बढ़ती संख्या के चलते ये धार्मिक स्थल पर्यटन हॉट स्पॉट में बदल रहे हैं।

इसी को ध्यान में रखते हुए जयपुर की जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय ने मंदिर प्रबंधन के नाम से एक नया डिप्लोमा कोर्स शुरू किया है, जिसमें स्टूडेंट्स को धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर पढ़ने का मौका मिलेगा।

इसी सत्र से शुरू होगा मंदिर प्रबंधन डिप्लोमा कोर्स 
जयपुर के संस्कृत विश्वविद्यालय में विभिन्न यूजी और पीजी संस्कृत शिक्षा के कोर्स चल रहे हैं। इस साल जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय और संबंधित कॉलेजों में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स मंदिर प्रबंधन शुरू किया जाएगा। इस कोर्स में न केवल भारत, बल्कि विदेश के 50 छात्र भी प्रवेश ले सकेंगे। इसमें साइंस, कॉमर्स, कला और संस्कृत विषयों से सीनियर सेकंडरी योग्यता रखने वाले छात्र प्रवेश ले सकेंगे।

इस कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी। डिप्लोमा कोर्स का सिलेबस मौजूदा स्थितियों के आधार पर तैयार किया गया है। थ्योरी क्लासेज के बाद मंदिरों में हैंड्स ऑन इंटर्नशिप भी प्रस्तावित है। यह कोर्स पिछले साल लागू किया गया था, लेकिन प्रवेश की शुरुआत नहीं हुई थी। जैसे जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में इस डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत हो रही है, वैसे ही अयोध्या और काशी सहित अन्य धार्मिक पर्यटन शहरों के विश्वविद्यालयों में भी मंदिर मैनेजमेंट कोर्स संचालित हैं. इसी तर्ज पर राजस्थान में भी इसे शुरू किया जा रहा है।

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