सोशल संवाद/डेस्क : देश के बहुचर्चित और धनी बिजनेसमैन में से एक, सहारा ग्रुप के मालिक सुब्रत रॉय को मंगलवार को निधन हो गया है. ये किसी परिचय की जरूरत नहीं थे। सभी को झटका लगा है इनकी मौत से आपको बता दे की देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इनके नाम का डंका बजता था। ‘सहारा श्री‘ के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय ने विश्व भर में अपनी आलीशान संपत्तियां बनाई हैं। इनके व्यापार के बारे में तो हर कोई जानता होगा ।
10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में पैदा हुए सुब्रत रॉय के पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि रॉय था। इन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई कलकत्ता के होली चाइल्ड स्कूल से की। इसके बाद गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टिट्यूट, गोरखपुर से सुब्रत रॉय ने मकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। छात्र जीवन में भी सुब्रत रॉय का मन पढ़ने से ज्यादा बिजनेस औऱ अन्य बातों में लगता था, लिहाजा 1976 में सहारा ने एक छोटी सी कंपनी में काम करना शुरू किया और दो वर्ष बाद 1978 में गोरखपुर में ही अपना खुद का ऑफिस खोल लिया। इस बिजनेस को उन्होंने 2 हजार रुपए की सेविंग और एक स्कूटर के साथ शुरू किया और महज 20 से 22 सालों में ही अपने बिजनेस को विशाल ‘सहारा परिवार’ बना दिया। मौजूदा समय में सुब्रत रॉय अरबों की संपत्ति के मालिक थे।
सुब्रत रॉय के शुरुआती करियर में एक वक्त ऐसा आया था जब उन्हें अपनी पत्नी के गहने तक गिरवी रखने पड़ गए थे। ये बातें सुब्रत रॉय ने खुद सिमी गरेवाल के चैट शो Rendezvous With Simi Garewal में बताई थी। सहारा प्रमुख ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि, उनसे वो बात कभी नहीं भूली जाती कि, ‘उन्हें स्वप्ना के गहने गिरवी रखने पड़े थे।’ शो में ही उन्होंने कहा था कि, ‘उस बात को भुलाने और पश्चाताप करने के लिए सुब्रत रॉय अपनी पत्नी के हर एक जन्मदिन पर उन्हें ढेर सारा सोना और गहने उपहार स्वरूप देते थे।’ सहारा अब तक अपने पत्नी को बहुत सारे गहने दे चुके थे। शो में इस पर बात करते हुए सुब्रत राय ने कहा था कि, ”आज उनके पास इतने गहने हो गए हैं कि वह खुद मुझे मना करने लगी है कि अब ये सब देना बंद करो।