---Advertisement---

ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी आवश्यक:सांसद बृजमोहन अग्रवाल

By Riya Kumari

Published :

Follow
Subsidy is necessary to promote organic farming: MP Brijmohan Agarwal

Join WhatsApp

Join Now

 सोशल संवाद / नई दिल्ली :  देश की कृषि नीति में ऑर्गेनिक, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक खेती को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। सरकार को जिस प्रकार से रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर सब्सिडी दी जा रही है, उसी प्रकार जैविक खेती पर भी सब्सिडी देने की तत्काल पहल की जानी चाहिए। यह बात रायपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित “National Conclave on Empowering Virgin Lands” में कही।

यह भी पढ़े : SC के राहुल गांधी को फटकार के बाद प्रियंका बोलीं- जज तय नहीं करेंगे कौन सच्चा भारतीय

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों से जहां एक ओर पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर जमीन की उर्वरता भी समाप्त हो रही है। यदि सरकार जैविक और वैदिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान करे, तो देश का भविष्य सुरक्षित होगा और आम जनमानस को भी लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने हॉर्टिकल्चर, फ्लोरीकल्चर और डेयरी के क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन किसानों की भागीदारी सीमित रही। अब आवश्यकता है कि कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के माध्यम से किसानों को गहराई से प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें इन नए विकल्पों की ओर प्रेरित किया जाए।

“Virgin Land Security Summit 2025” विषय पर बोलते हुए बृजमोहन ने कहा कि देशभर में फैली वर्जिन लैंड (बंजर भूमि) को कृषि के लिए उपयुक्त बनाकर किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि किसान परंपरागत फसलों जैसे धान और गेहूं के स्थान पर ऑर्गेनिक, प्राकृतिक, हर्बल फसलें और बागवानी, पुष्पवानी एवं पशुपालन की ओर अग्रसर हों। आज विशेषरूप से छत्तीसगढ़ के किसान धान की पैदावार पर ज्यादा ध्यान दे रहे है। जिससे उन्हें प्रति एकड़ 40 हजार रूपए से ज्यादा की बचत होती है। सरकार भी धान और गेहूं पर बोनस देती रही तो बाकी पूरी खेती समाप्त हो जाएगी। किसानों को वर्जिन लैंड के इस्तेमाल की बात समझानी पड़ेगी।

उन्होंने इस दिशा में नीति-स्तरीय सहयोग और व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत पर बल देते हुए कहा, “यदि हम किसानों को वर्जिन लैंड के सही उपयोग हेतु प्रशिक्षित करें और उन्हें आर्थिक सहायता दें, तो भारत कृषि में एक नए युग का सूत्रपात कर सकता है। इससे देश अपनी ऋषि परंपरा की ओर लौटेगा और एक स्थायी, समृद्ध कृषि व्यवस्था का निर्माण होगा।” इस अवसर पर ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन देव, राष्ट्रीय भारतीय किसान संघ के महासचिव श्री मोहिनी मोहन मिश्रा, कृषि वैज्ञानिक, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) प्रतिनिधि एवं देशभर से आए कृषि विशेषज्ञ भी मौजूद थे।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम के आयोजकों, विशेष रूप से दीपक जी और उनकी टीम का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि, “इस प्रकार के सम्मेलनों से न केवल किसानों में जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि देश की कृषि नीति के पुनर्गठन में भी सहायक सिद्ध होंगे।”

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---