सोशल संवाद/डेस्क : 12 जुलाई को रिलीज होने के लिए शेड्यूल फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले में फिल्म के प्रोड्यूसर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। फिल्म के प्रोड्यूसर्स की अगुआई कर रहे एडवोकेट गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट के जज से कहा कि फिल्म 12 जुलाई को रिलीज होनी थी। इसके लिए सभी थिएटर्स बुक हो चुके हैं, सभी थिएटर मालिक इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये केस सूचीबद्ध किया है। मामले की सुनवाई जल्द होगी।
याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा- ‘रिलीज पर रोक लगा दी गई है?’ इस पर एडवोकेट गौरव भाटिया ने तर्क दिया, ‘फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होनी थी। एक दिन पहले रात 8 बजे रिलीज पर रोक लगाने का आदेश पारित हुआ।’ जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि क्या फिल्म को रिलीज करने की अनुमति है। इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि उन्हें सेंसर बोर्ड ने फिल्म पास कर दी है। हमारे पास सर्टिफिकेट है और सभी सिनेमाघर बुक थे।
जब पूछा गया कि क्या है फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है जो मामला अब भी जारी है। इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि उदयपुर फाइल्स वो फिल्म है जिसमें एक व्यक्ति का सिर कलम कर दिया गया। मुझे पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना होगा कि यह मौलिक अधिकारों का मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने दखल देकर रिलीज पर रोक लगा दी। मामले को समझने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केस को लिस्ट करने का आदेश दिया है। इस पर एडवोकेट भाटिया ने कल यानी 15 जुलाई को मामले की सुनवाई करने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने उन्हें बुधवार या किसी दूसरे दिन सुनवाई के आदेश दिए हैं।
फिल्म उदयपुर फाइल्स 12 जुलाई को रिलीज होनी थी। ये फिल्म टेलर कन्हैया लाल पर बनी है, जिसकी उदयपुर में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी। हत्या के 11 आरोपी जेल में हैं और ट्रायल जारी है। फिल्म उदयपुर फाइल्स का ट्रेलर जारी होने के बाद फिल्म विवादों से घिर गई। कन्हैयालाल हत्याकांड के 8वें आरोपी मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में फिल्म रिलीज पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी। याचिका में मोहम्मद जावेद ने मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की और तर्क दिया कि इसकी रिलीज से फेयर ट्रायल के उनके अधिकार का उल्लंघन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी थी।
हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद के अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद के प्रिंसिपल मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में फिल्म रिलीज पर रोक की मांग की याचिका दायर कर कहा था कि फिल्म में ऐसे डायलॉग्स और सीन हैं, जिससे सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है। 11 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बैंच ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी सहित 3 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी। इस मामले पर अब मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।