सोशल संवाद, डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनावी राज्य बिहार में मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर हमेशा के लिये अंतिम निर्णय करेगा.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि वह 29 जुलाई को इस मामले की अंतिम सुनवाई की समय-सारणी तय करेगी. एक गैर सरकारी संगठन की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि मतदाता सूची को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए और मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगनी चाहिए.
पीठ ने न्यायालय के पिछले आदेश पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता अंतरिम राहत के लिए अनुरोध नहीं कर रहे थे. पीठ ने कहा कि इसलिए अब ऐसा नहीं किया जा सकता तथा मामले का स्थायी निपटारा किया जाएगा. शंकरनारायणन ने कहा कि प्रकाशन पर रोक लगाने की अंतरिम राहत पर जोर नहीं दिया गया क्योंकि शीर्ष अदालत ने आश्वासन दिया था कि मामले को एक अगस्त से पहले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. पीठ ने निर्वाचन आयोग के इस कथन पर गौर किया कि एसआईआर के लिए गणना प्रपत्र मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद भी जमा किए जा सकते हैं.








