सोशल संवाद / जमशेदपुर : टाटा पावर जोजोबेरा पावर प्लांट ने “ईस्टर्न रीजन सेफ्टी कॉन्क्लेव” का सफल आयोजन किया, जिसमें प्रमुख उद्योगों के सुरक्षा विशेषज्ञों और वरिष्ठ नेतृत्व टीमों ने भाग लिया। इस कॉन्क्लेव का मुख्य विषय था – “सुरक्षा सुधार में तकनीक का उपयोग एवं व्यवहारिक सुरक्षा”। इसका उद्देश्य औद्योगिक सुरक्षा प्रथाओं में नवाचार को बढ़ावा देना और ज्ञान साझा करना रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई, जिसने पूरे आयोजन को एक गंभीर और प्रेरणादायक शुरुआत दी। इस अवसर पर टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, टाटा प्रोजेक्ट्स और टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों की भागीदारी रही। कॉन्क्लेव को और अधिक सशक्त बनाने हेतु टाटा पावर के ईस्टर्न रीजन स्थित संयंत्रों – मैथन, हल्दिया और कलिंगानगर की टीमों ने भी सक्रिय भागीदारी की और सुरक्षा बढ़ाने में अपनाई गई तकनीकी पहलों और अनुभवों को साझा किया।
मुख्य अतिथि मनीष कुमार सिन्हा, मुख्य फैक्ट्री निरीक्षक, ने कार्यस्थल सुरक्षा में तकनीक की बढ़ती भूमिका पर विचार साझा किए। उन्होंने संगठन के हर स्तर पर “सेफ्टी फर्स्ट माइंडसेट” को अपनाने और दुर्घटनाओं की रोकथाम में व्यवहारिक सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया। इस अवसर पर प्रभाकर काले, मुख्य – सुरक्षा (जेनरेशन एवं रिन्यूएबल्स), कॉर्पोरेट एनवायरनमेंट, टाटा पावर और बसुदेव हांसदा, सीईओ – IEL एवं प्रमुख, जमशेदपुर ऑपरेशन्स भी उपस्थित थे। काले ने टाटा पावर में डिजिटल टूल्स के एकीकरण की रणनीति को रेखांकित किया, जबकि हांसदा ने कंपनियों के बीच खुले संवाद और सर्वोत्तम प्रथाओं के निरंतर आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के दौरान टेक्नोलॉजी शेयरिंग सेशन्स का आयोजन हुआ, जहां विभिन्न कंपनियों ने अपने संयंत्रों में उपयोग की गई नवीनतम सुरक्षा तकनीकों और डिजिटल टूल्स को प्रस्तुत किया। इसके बाद एक पैनल चर्चा हुई जिसमें व्यवहारिक सुरक्षा पर गहन विचार-विमर्श किया गया और कार्यबल में सुरक्षित व्यवहार को प्रोत्साहित करने की रणनीतियों पर चर्चा हुई। कॉन्क्लेव का समापन सभी प्रतिभागियों की इस सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि वे तकनीक और व्यवहारिक समझ के माध्यम से सुरक्षित कार्यस्थलों का निर्माण करेंगे और सुरक्षा उत्कृष्टता की संस्कृति को आगे बढ़ाएंगे।