सोशल संवाद / डेस्क : टाटा स्टील ने आज ओडिशा के कलिंगानगर में भारत की सबसे बड़ी ब्लास्ट फर्नेस का शुभारंभ किया। इस परियोजना के तहत कंपनी ने 27,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश किया है, जिससे कलिंगानगर प्लांट की उत्पादन क्षमता 3 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) से बढ़कर 8 एमटीपीए तक पहुंच जाएगी। टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी. वी. नरेंद्रन ने इस अत्याधुनिक इकाई का उद्घाटन किया, इस अवसर पर कंपनी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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नई ब्लास्ट फर्नेस से प्लांट की उत्पादन क्षमता में भारी बढ़ोतरी होगी, जिससे टाटा स्टील को ऑटोमोटिव, इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर, शिपबिल्डिंग और रक्षा जैसे प्रमुख उद्योगों की बढ़ती मांगों को प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्षम बनाएगी। इसके साथ ही, यह नई इकाई तेल और गैस, लिफ्टिंग और खुदाई, और निर्माण जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में भी प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करेगी।
चरण II विस्तारीकरण के साथ, ओडिशा टाटा स्टील के लिए भारत में सबसे बड़ा निवेश केंद्र बनकर उभरा है, जहां पिछले 10 वर्षों में 1,00,000 करोड़ रुपये से अधिक का कुल निवेश किया गया है।
इस अवसर पर टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी. वी. नरेंद्रन ने कहा, “कलिंगानगर में भारत की सबसे बड़ी ब्लास्ट फर्नेस का शुभारंभ स्टील उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जो क्षमता, तकनीक और सस्टेनेबिलिटी के नए मानक स्थापित कर रहा है। यह विस्तारीकरण क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देगा और टाटा स्टील की उच्च गुणवत्ता वाले मूल्य-वर्धित स्टील सेगमेंट में नेतृत्व की स्थिति को और मजबूत करेगा।
यह हमारी उन्नत इंजीनियरिंग क्षमताओं का उत्कृष्ट उदाहरण है और भारत में निजी निवेश को बढ़ावा देने के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो आत्मनिर्भरता और सतत औद्योगिक विकास के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है। टाटा स्टील की ओर से, मैं ओडिशा सरकार का अटूट समर्थन देने के लिए धन्यवाद करता हूं और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को संभव बनाने में हमारे कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, वेंडर पार्टनर्स और सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की सराहना करता हूं।”
नई ब्लास्ट फर्नेस, जिसका वॉल्यूम 5,870 घन मीटर है, अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है, जो न केवल लंबी अवधि तक निर्बाध संचालन सुनिश्चित करेगी, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन के साथ स्टील उत्पादन प्रक्रिया को भी अधिक कुशल बनाएगी। यह फर्नेस भारत में पहली बार चार टॉप कम्बशन स्टोव का उपयोग करेगी, जिससे गर्म धातु उत्पादन में इष्टतम ईंधन खपत सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, दो प्रीहीटिंग स्टोव भी लगाई गई हैं, जो दक्षता को और बढ़ाएंगी। टाटा स्टील के इतिहास में पहली बार, ड्राई गैस क्लीनिंग प्लांट स्थापित किया गया है, जिससे बाय प्रोडक्ट गैस से अधिकतम ऊर्जा पुनर्प्राप्ति संभव हो सकेगी।
इस फर्नेस में दुनिया का सबसे बड़ा टॉप गैस रिकवरी टरबाइन (TRT) लगाया गया है, जिसकी 35 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता है और यह अतिरिक्त 10% ऊर्जा पुनर्प्राप्ति में सहायता करेगा। भारतीय ब्लास्ट फर्नेस में पहली बार इवैपोरेटिव कूलिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है, जो प्लांट के स्थान का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के साथ-साथ पारंपरिक डिज़ाइनों की तुलना में जल और बिजली की खपत को लगभग 20% तक कम करेगा। इसके अलावा, ब्लास्ट फर्नेस में वर्षा जल संचयन के साथ जीरो प्रोसेस वाटर डिस्चार्ज प्लान भी होगा।
चरण II विस्तारीकरण के तहत कलिंगानगर में प्रमुख सुविधाओं में एक पेलेट प्लांट, कोक प्लांट और कोल्ड रोलिंग मिल शामिल हैं, जो अत्याधुनिक तकनीकों और सस्टेनेबल अभ्यासों को अपनाते हैं। यह नई स्टील इकाई आधुनिकतम तकनीक से लैस है, जो मूल्य-वर्धित उत्पादों, परिचालन दक्षता और कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी पर केंद्रित है। इस विस्तारीकरण से न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि यह टाटा स्टील के दीर्घकालिक सतत विकास लक्ष्यों को भी मजबूत करेगा।
कलिंगानगर प्लांट सिर्फ एक औद्योगिक परिसर नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ है। टाटा स्टील ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आजीविका के अवसरों पर केंद्रित सामुदायिक विकास कार्यक्रमों में उल्लेखनीय निवेश किया है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में 2 लाख से अधिक लोगों की ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव आया है। टाटा स्टील कलिंगानगर की सफलता का मूल आधार उसकी समर्पित कार्यबल है। कंपनी की ‘सेफ्टी फर्स्ट’ संस्कृति सुनिश्चित करती है कि यहां उच्चतम सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए, जिससे कलिंगानगर न केवल भारत, बल्कि दुनिया के सबसे सुरक्षित स्टील प्लांट में से एक बन गया है।
टाटा स्टील कलिंगानगर भारत का पहला ऐसा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है जिसे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डबल्यू ई एफ) द्वारा ‘ग्लोबल लाइटहाउस’ का प्रतिष्ठित खिताब मिला है। यह सम्मान न केवल उत्पादन में उत्कृष्टता का प्रमाण है, बल्कि उद्योग में तकनीकी नवाचार और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में इसकी अग्रणी भूमिका को भी दर्शाता है। 2024 में, कलिंगानगर प्लांट ने अपनी सस्टेनेबिलिटी यात्रा में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब इसे प्रतिष्ठित रिस्पॉन्सिबल स्टील™ प्रमाणन से सम्मानित किया गया। यह प्रमाणन पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और जिम्मेदार स्टील उत्पादन के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करने की दिशा में टाटा स्टील के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।
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