सोशल संवाद/डेस्क/TCS Layoff Protest: आईटी और आईटीईएस कर्मचारी संघ (यूनाइट) ने मंगलवार को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी द्वारा की जा रही छंटनी से 12,000 से ज़्यादा लोग प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, इस बात पर टीसीएस ने इनकार करते हुए कहा कि यह उसके वैश्विक वर्कफोर्स का सिर्फ 2% है।
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यूनियनों ने सरकार से हस्तक्षेप की अपील करते हुए टीसीएस से अपना फैसला वापस लेने की मांग की है। नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) का कहना है कि यह कदम हज़ारों कर्मचारियों को मानसिक, आर्थिक और भावनात्मक संकट में डाल सकता है। टीसीएस ने 27 जुलाई को घोषणा की थी कि रणनीतिक पुनर्गठन के तहत लगभग 12,000 नौकरियों में कटौती की जाएगी। कंपनी ने साफ किया कि यह बदलाव भविष्य की तैयारियों और एआई व नई तकनीकों पर फोकस के लिए किया जा रहा है।
टीसीएस ने प्रभावित कर्मचारियों को आउटप्लेसमेंट, काउंसलिंग और सपोर्ट देने की भी बात कही। 30 जून, 2025 तक टीसीएस में 6.13 लाख से ज़्यादा कर्मचारी थे और अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने 5,000 नई भर्तियाँ भी कीं गई थी। बावजूद इसके, छंटनी की घोषणा ने आईटी सेक्टर को चौंका दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) इस मामले पर बारीकी से नज़र रख रहा है। अधिकारियों ने बताया कि वे टीसीएस से संवाद में हैं ताकि छंटनी के वास्तविक कारणों और इसके रोज़गार पर असर का आकलन किया जा सके।
भारत का 283 अरब डॉलर का आईटी उद्योग फिलहाल वैश्विक अनिश्चितताओं, अमेरिकी नीतियों और घटती मांग से जूझ रहा है। वहीं बता दें, कंपनी ने हाल ही में घोषित वित्तीय नतीजों में जून तिमाही का शुद्ध लाभ 6% बढ़ाकर 12,760 करोड़ रुपये बताया, जबकि राजस्व मामूली बढ़त के साथ 63,437 करोड़ रुपये रहा।








