सोशल संवाद/डेस्क : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है। इसकी जानकारी खुद तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है। उन्होंने कहा, ‘BLO आई थीं और हमारा सत्यापन करके गई हैं। फिर भी मतदाता सूची में नाम नहीं है।’

वहीं जब एक बड़े अखबार के पत्रकार ने पूछा कि आपकी पत्नी का वोटर ID कार्ड बना है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘जब मेरा ही नहीं बना तब मेरी पत्नी का कैसे बन जाएगा।’ उन्होंने आयोग से ये भी पूछा कि ‘अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा।’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने अपना वोटर आईडी कार्ड जारी किया। वोटर लिस्ट में अपना नाम देखने के लिए EPIC नंबर डाला, जिसके रिजल्ट में लिखा आया- NO RECORDS FOUND। तेजस्वी ने ये पूरी प्रोसेस स्क्रीन पर दिखाई।
भास्कर ने चेक किया- लिस्ट में दोनों के नाम मिले
तेजस्वी यादव के आरोप पर पत्रकार ने इलेक्शन कमिशन की ओर से जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का क्रॉस वेरिफिकेशन किया। हमने तेजस्वी यादव के दीघा विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या-204 में दीघा के पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन में उनका नाम सर्च करना शुरू किया। इसके क्रमांक संख्या 416 पर तेजस्वी यादव और 445 पर उनकी पत्नी राजश्री का नाम है।
DM ने भी की पुष्टि, लिस्ट में पति-पत्नी के नाम
फैक्ट चेक पर पटना DM एस एन त्यागराजन ने भी मुहर लगाई। थोड़ी देर बाद उन्होंने लिस्ट जारी कर तेजस्वी के दावे को गलत बताया है। उन्होंने बूथ लिस्ट जारी की है। जिसमें 416वें नंबर पर तेजस्वी यादव का नाम, उनकी तस्वीर है।
DM ने कहा कि ‘कुछ समाचार माध्यमों से ये जानकारी मिली है कि तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है। इस बारे में जिला प्रशासन, पटना द्वारा जांच की गई। इसमें पता चला कि नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है।’
‘वर्तमान में उनका नाम मतदान केन्द्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है। इससे पहले उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था।’
तेजस्वी बोले- जिनके नाम कटे उनकी जानकारी नहीं दी गई
चुनाव आयोग की नई वोटर लिस्ट पर सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, ‘करीब हर विधानसभा से 20 से 30 हजार नाम काटे गए हैं। कुल 65 लाख के करीब यानी 8.5% के करीब मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं।’
‘चुनाव आयोग जब भी कोई विज्ञापन देता था, तो उसमें बताया जाता था कि इतने शिफ्ट हो गए, इतने लोग मृत हैं और इतने लोगों के दोहरे नाम हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने हमें जो सूची उपलब्ध करवाई है, उसमें उन्होंने चालाकी दिखाते हुए किसी मतदाता का पता नहीं दिया।’
चुनाव आयोग को तेजस्वी की चुनौती
तेजस्वी ने कहा, ‘अगर चुनाव आयोग ने 65 लाख लोगों के नाम काटे, तो क्या उन लोगों को आयोग की ओर से नोटिस दिया गया। चुनाव आयोग ने क्या इनको समय दिया। चुनाव आयोग टारगेटेड काम कर रहा है।’ ’65 लाख लोगों के नाम कटे हैं। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर चुनाव आयोग से जवाब मांगना चाहिए। इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है।’
‘मैं मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनौती देता हूं कि अगर आप में हिम्मत है तो आप बूथ वाइज डेटा दे और जिन लोगो का नाम कटा है, उसमें बताएं कि क्यों कटा है। मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किए गए ज्ञानेश कुमार गुप्ता से हम जानना चाहते है कि वो पारदर्शिता क्यों नहीं रखते।’
65 लाख वोटर्स के नाम कटे हैं
चुनाव आयोग ने बिहार में एक महीने तक चले गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) यानी वोटर वेरिफिकेशन के पहले चरण का डेटा जारी कर दिया है। ड्राफ्ट वोटर्स लिस्ट के मुताबिक, बिहार के नए वोटर लिस्ट में 65 लाख 64 हजार वोटरों के नाम काट दिए गए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में 7 करोड़ 24 लाख 5 हजार 756 लोगों के नाम हैं। पहले यह आंकड़ा 7 करोड़ 89 लाख थे।
1 अगस्त को जारी आंकड़े में आयोग ने बताया है, ‘22 लाख 34 हजार वोटर का निधन, 36 लाख 28 हजार वोटर स्थायी रूप से दूसरी जगह शिफ्ट हुए हैं। वहीं, 7 लाख एक हजार वोटर का नाम दो जगह था। इस कारण इन लोगों का नाम हटाया गया है।’
चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक, मुस्लिम बहुल सीमांचल के 4 जिलों और दरभंगा में 9 लाख 65 हजार वोटरों के नाम कटे हैं। जबकि, NDA का मजबूत किला कहे जाने वाले तिरहुत के 6 और दरभंगा के 3 यानी 9 जिलों में कुल 21 लाख 29 हजार वोटरों के नाम कटे हैं। वहीं, महागठबंधन के मजबूत इलाके पटना और मगध कमिश्नरी के 11 जिलों में 16 लाख 57 हजार वोटरों के नाम लिस्ट में नहीं हैं।








