सोशल संवाद डेस्क : आजकल की दुनिया में बेटियों के लिए भी अपने सपनो को पूरा करना कुछ हद तक आसन हो गया है ऐसे मैं। ब्लाइंड क्रिकेट विमेंस टीम की और से देश की बेटी को बतोर कप्तान की और से खेल कर सुषमा ने अपने सपनो को पूरा किया
मध्यप्रदेश (दमोह) की सुषमा को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक है। जब वे 4-5 साल की थीं, तभी तीर-कमान से खेलते समय आंख में चोट लग गई। ऐसे में सुषमा के क्रिकेट खेलने का सपना धुंधला लगने लगा, लेकिन सुषमा ने भाइयों के साथ क्रिकेट खेलना जारी रखा। सुषमा ने खेत में पिता का हाथ भी बटाया। 2019 में एक दोस्त से उन्हें ब्लाइंड क्रिकेट के बारे में पता चला और उन्होंने अकादमी जॉइंन कर ली। यहीं से उनका सिलेक्शन टीम में हो गया।
सुषमा ने अपने सिलेक्शन पर कहा मेरे पिता का बचपन से ही सपना था कि मैं और मेरे भाई देश के लिए क्रिकेट खेले लेकिन आंख में चोट के कारण यह सपना नामुमकिन का साल रहा था। अब ब्लाइंड क्रिकेट टीम में देश की और से बतौर कप्तान खेलने का मौका मिल रहा है और अब पिता का सपना भी पूरा हुआ।
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