---Advertisement---

ग्रहण के दौरान भी खुले रहते हैं उज्जैन स्थित इस मंदिर के पट..जानिए पूरी खबर

By admin

Published :

Follow

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद / डेस्क : हिंदी पंचांग के अनुसार, 5 मई को वैशाख पूर्णिमा है। इस दिन चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। चंद्र ग्रहण संध्याकाल में 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा और  देर रात 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण 4 घंटे 15 मिनट का रहेगा। ज्योतिषियों की मानें तो भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसके लिए सूतक भी मान नहीं होगा। इसके बावजूद ग्रहण के दौरान सावधानियां जरूर बरतें। खासकर गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देना चाहिए।

सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों  के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ग्रहण के दौरान भी उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के पट खुले रहते हैं। आइए, इसके बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करते है – इस बारे में मंदिर के पुजारी का कहना है कि देवों के देव महादेव लय और प्रलय के अधिपति हैं। उन्होंने सृष्टि की उत्पत्ति की है। वहीं, संहारक हैं। वे मृत्युंजय हैं। आसान शब्दों में कहें तो मृत्यु से परे हैं। सृष्टि के रचनाकार महादेव ने ग्रह, नक्षत्र आदि बनाया है।

अतः उन पर ग्रहों का शुभ और अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके लिए ग्रहण के दौरान भी महाकाल के मंदिर का कपाट खुले रहते हैं। हालांकि, ग्रहण के दौरान गर्भगृह में पुजारी एवं भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहता है। ग्रहण समापन के बाद मंदिर को धोकर शुद्ध किया जाता है। इसके पश्चात विधिवत देवों के देव महादेव की पूजा उपासना की जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण दिखाई नहीं देता है, तो सूतक नहीं लगता है। हालांकि, ग्रहण के दौरान सावधानियां जरूर बरतें। चूंकि, ग्रहण के दौरान राहु और केतू का नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी पर रहता है। अत: ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद स्नान-ध्यान जरूर कर देवों के देव महादेव की पूजा उपासना करें।

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---