सोशल संवाद/डेस्क : दुनिया कोई छोटी नहीं है, ऐसे में यहां रहने वाले भी तरह-तरह के लोग होते हैं. किसी कोने में कुछ चल रहा होता है तो किसी दूसरे कोने में कुछ और. एक जगह पर बैठे हुए लोग ये समझ भी नहीं पाते हैं कि दुनिया की ही किसी और जगह पर कुछ अलग कल्चर हो सकता है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में बताएंगे, जिनकी एक अजीब ही खासियत है.
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सूरत इंसानों सी, पैर ऑस्ट्रिच के – डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक डोमा ट्राइब के नाम से मशहूर इस जनजाति के लोगों को वाडोमा या फिर बंतवाना ट्राइब के नाम से जाना जाता है. इन्हें अक्सर ऑस्ट्रिच पीपल भी कहा जाता है क्योंकि इनके पैर ऑस्ट्रिच के जैसे होते हैं. ये जनजाति जिम्बॉब्वे के कान्येम्बा रीजन में पाई जाती है. इस पूरे समुदाय को एक खास जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसे Ectrodactyly कहा जाता है. इस कंडीशन की वजह से ही इनके पैरों में 5 के बजाय कुल 2 उंगलियां ही होती हैं.
वडोमा जनजाति, जिसका उल्लेख अफ्रीका की सबसे पुरानी जनजाति के रूप में किया गया है, जिम्बाब्वे की एकमात्र शिकारी जनजाति है जो वर्तमान में ज़म्बेजी नदी घाटी के घाटियों के करीब कान्येम्बा क्षेत्र में रहती है। सदस्यों के लिए जनजाति के बाहर शादी करना गैरकानूनी है और इसके परिणामस्वरूप, दो उंगलियों वाली स्थिति अन्य जनजातियों पर लागू नहीं होती है। इस स्थिति वाले सदस्यों को समुदाय में विकलांग व्यक्ति नहीं माना जाता है और यह बताया गया है कि उनके पैर की उंगलियां उन्हें आसानी से पेड़ों पर चढ़ने में मदद करती हैं।
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