सोशल संवाद/डेस्क : अनैतिकताओं का हद पर कर चुके ह। के नागेश नायडू जो सचिव विद्यालय है और ३ मार्च २०२४ को उन्ही महासचि नियुक्त कर दिया आर्डर के तहत पहिए नागेश नायडू शिक्षकों की बहाली विद्यालाय सचिव के हैसियत से सभी कार्य किये और सरकार के पास अनुमोदन के लिए बेज। कई योग्य तेलुगु शिक्षक को दर किनार किया gay। २ चपरासी पद पर भी लेनदेन कर गलत कागज मिनट्स को मैनुपुलेट करके नियुक्ति किय। चपरासी नियुक्ति में कई तेलुगु प्रतियोगी जिसमे २ कमिटी मेंबर्स के पुत्रो और मेंबर के र के पुत्रो को भी नहीं लिय। सबके साक्ष्य उपलब्ध है है। सभी कागजात सरकार के पास दिया गया जिसकी अभी इन्कारी चल रही ह। साथ हिज नागेश्वर राव द्वारा टीचर्स लोगो के नाम से कोविद काल में दो बार रुपये निकल लिय। NVR मूर्ति वॉर सिम्हाद्रि क्या किये उनका साथ diy !
सिम्हाद्रि द्वारा ठेका अपने सुएविसोर द्वारा karay। जो कार्य किया उसे फिर अभी करवाया गया क्योकि उसमे कुछ कृतियाँ थ।
- एजीएम नोटिस में खातों को केवल एक वर्ष के लिए रखा गया था, 2015-2022 तक के खातों के बारे में क्या कहा गया क्योंकि वही व्यक्ति पी सिम्हाद्रि राव कोषाध्यक्ष थे। ईश्वर राव उसे बचाना चाहते हैं।
- ऐसे ट्रस्टी नियुक्त किए गए जिनका एडीएल सोसायटी में एक भी योगदान नहीं था। सीवी राव बहुत अलोकप्रिय हैं, दूसरे व्यक्ति को हाल ही में पता चला कि एसएस राव का भी कोई योगदान नहीं है। लेकिन ये लोग ईश्वर राव के अनुयायी हैं।
- एनवीआर राव ने टाटा स्टील के साथ बिल्डिंग लीज पर हस्ताक्षर कर लीज हिंदी मध्यम स्कूल को हटा दी है। गुरुनाथ रओ जब महासचिव बने तब टाटा स्टील के उच्च अधिकारी से मिलकर इस बिल्डिंग का लीज एग्रीमेंट में
जुड़वाय। इनका मकसद हिंदी माध्यम स्कूल तो बंद करके उसमे व्यवसाइक कार्य में बिल्डिंग को उसे करना कहते थ। यह नहीं हुआ 8 टाटा स्टील के साथ जो एग्रीमेंट हुआ था उसमे टाटा स्टील पूरा कंस्ट्रक्शन करने की बात थी हॉल का कंस्ट्रक्शन ईश्वर राव के कारन नहीं हो पाया क्योकि उन्होंने कंपनी को अपना कंसेंट नहीं भेजे और इसमें काफी विलम्भ के कारन टाटा स्टील अपना स्कीम बंद कर दि। जब हमने ईश्वर राव के साथ सामान्य के चीफ अड्मिनिस्ट्रेटीओ ऋतू राज सिन्हा एवं राजीव कुमार चीफ इंफ्रास्ट्रक्बर जो रिटायर होनेवाले थे और उनके स्थान पर जो चीफ प्रणय सिन्हा आये संयुक्त मीटिंग कराय। जिसमे प्रबंधन ने हॉल उनके द्वारा करने में असमर्थता व्यक्त किया क्योकि ईश्वर राव द्वारा कंपनी तो अपना विचार नहीं भेज।। 10 किताब बिक्री के कमीशन के बारे पहले कमिट के बारे खूब हॉल मचाये और अभी उसी रस्ते पर ईश्वर राव चले। 11 ऑडिटर का चयन आम सभा में होता है जबकि जो विजय लक्ष्मी और अन्य मेंबर नहीं थे अपने निजी स्वार्थ के लिए ईश्वर राव, सिम्हाद्रि एवं NVR मूर्ति द्वारा अपने लोगो को अपने से ऑडिटर नियुक्त कर दि।