सोशल संवाद / जमशेदपुर: झारंखड उच्च न्यायालय द्वारा झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाला की सीबीआई जाँच का आदेश देने का दूरगामी परिणाम होगा. लोकतंत्र के मंदिर में अवैध नियुक्ति के आरोपों पर पर्दा डालने में सरकार और विधानसभा की भूमिका का पर्दाफ़ाश होगा. दोषी चिन्हित होंगे.
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झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति घोटाले का यह मामला 2007 में मैंने उठाया तो तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम ने मुझसे सुबूत मांगे. मैंने उन्हें घोटाले की सीडी सौंप दी. जांच के लिए विधानसभा की समिति बनी. इसकी रिपोर्ट स्वीकार करने के बदले विधानसभा की दूसरी जांच समिति बनाई गई, जिसने रिपोर्ट ही नहीं दिया.
इस घोटाला को दबाने की साज़िश वर्तमान राज्य सरकार में भी हुई और विधानसभा में भी. सीबीआई जांच में इस साज़िश का पर्दाफ़ाश होगा.