December 21, 2024 8:01 pm

फिर आ गया टाटा लीज समझौते के नवीनीकरण का समय,जवाहरलाल शर्मा ने सरकार से पूछा,क्या सबको एक समान नागरिक सुविधा की शर्त पर होगा नवीनीकरण?

टाटा लीज समझौते के नवीनीकरण का समय,जवाहरलाल शर्मा ने सरकार से पूछा

सोशल संवाद / जमशेदपुर : जमशेदपुर के सभी नागरिकों को उसका हक दिलाने के लिए दशकों से संघर्षरत मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने संघर्ष जारी रखा है.एक तरफ जहां उनकी याचिका पर जमशेदपुर में नगर निगम का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है वहीं टाटा लीज समझौते के नवीनीकरण का समय नजदीक आ गया है.लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक खामोशी के बीच जवाहरलाल शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत सरकार से कई सवाल पूछे हैं.उन्होंने पूछा है कि क्या सभी नागरिकों को समान नागरिक सुविधाओं की शर्त पर टाटा लीज समझौते का नवीनीकरण होगा या नहीं?

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उन्होंने यह भी पूछा है कि क्या आम जनता की राय ली जाएगी? क्या टाटा स्टील सीएसआर के तहत किए जा रहे खर्च का ब्योरा आम आदमी को देगी? इसके अलावे जवाहरलाल शर्मा ने और भी कई महत्वपूर्ण सवाल करके उनके जवाब मांगे हैं.जवाहरलाल शर्मा ने सरकार के अवर सचिव सह जन सूचना पदाधिकारी नीरज कुमार सिंह को सूचना के अधिकार के तहत पत्र लिखकर जवाब मांगा है.

पत्र इस प्रकार है-

सेवा में, श्री नीरज कुमार सिंह सरकार के अवर सचिव सह

जन सूचना पदाधिकारी

मुख्य सचिव का कार्यालय

झारखंड सरकार

प्रोजेक्ट भवन

धुर्वा-रांची, झारखंड

महोदय,

विषय-टाटा स्टील तथा झारखंड सरकार के बीच आगामी कुछ दिनों में होने वाले लीज समझौते के नवीनी करण के संबंध में

मैं आपसे वांछित सवाल की जानकारी मांगू उससे पहले मैं आपको निम्नलिखित बातें बताना चाहता हूं। मैं जमशेदपुर का नागरिक हूं पर आजादी के 75 साल से भी अधिक बीत जाने के बाद भी जमशेदपुर में मुझे तथा अन्य करीब 20 लाख लोगों को आज तक तीसरे मत का अधिकार नहीं मिल पाया है। हम सब लोग स्थानीय निकाय में अपना प्रतिनिधि चुनने से वंचित हैं। यह सरासर भारतीय संविधान का उल्लंघन है।

इस विषय पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सन् 1989 में जमशेदपुर में तीसरा मताधिकार लोगों को देने का आदेश भी दिया था। इस विषय पर तत्कालीन बिहार सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था। यही नहीं एक बार रघुवर दास के नगर विकास मंत्री रहते झारखंड सरकार ने भी नोटिफिकेशन जारी किया था पर 35 वर्षों से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी आज तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू नहीं हो सका है। जमशेदपुर आज भी टाटा स्टील के अधीन है तथा टाटा स्टील सारे शहर की देखभाल अपनी मर्जी तथा अपने तौर तरीके से करती है। यहां नोटिफाइड एरिया कमिटी भी है जो टाटा के इशारे पर कभी-कभी छोटा-मोटा काम करती रहती है। जमशेदपुर की आम जनता नागरिक सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, साफ सफाई, स्कूल, अस्पताल के लिए टाटा स्टील की मेहरबानी पर निर्भर है। यहां का सरकारी अस्पताल एम.जी.एम, टाटा स्टील की वजह से ठीक से नहीं चलता है। यहां ना एयरपोर्ट आम आदमी के लिए सुलभ है और और ना ही उच्च शिक्षा की कोई व्यवस्था है। आम आदमी की परेशानियों को ना तो टाटा स्टील और ना ही सरकार आज तक समझ सकी है। जमशेदपुर के लोग बिना अधिकार के बंधुआ मजदूर की तरह जीने को मजबूर हैं।

पर चूँकि टाटा स्टील तथा झारखंड सरकार के बीच लीज नवीनीकरण होने जा रहा है तथा वर्तमान हेमंत सरकार भारी बहुमत से चुनी गई है अतः मैं सूचना का अधिकार कानून के तहत आप से निम्नलिखित सूचना की मांग करता हूं और आशा है आप मुझे अपेक्षित सूचना जरूर देने की कृपा करेंगे। ₹10 का पोस्टल आर्डर नं 64F935881फीस के तौर पर संलग्न है.

कृपया नीचे लिखी सूचना प्रदान करने की कृपा करें-

1) क्या भारी बहुमत से चुनी गई झारखंड सरकार किसी जनमत संग्रह के माध्यम से लीज नवीनीकरण के बिंदुओं पर आम आदमी की राय लेगी? हां या नहीं

2) जनता को और ज्यादा सुविधा देने के लिए टाटा कंपनी पर विशेष शर्तें लगाने के बाद ही लीज का नवीनीकरण करेगी? क्या सभी प्रकार की जनता चाहे वो कंपनी क्षेत्र में हो या बस्ती क्षेत्र में, सबको एक समान नागरिक सुविधा कंपनी देगी? हाँ या नहीं

3) सरकारी एम. जी. एम अस्पताल को सरकार पी.पी मोड अर्थात सरकार तथा टाटा स्टील दोनों मिलकर चलाएं या फिर टाटा स्टील पूरी तरह अपने अधीन लेकर अपने खर्चे पर चलाए, इस बात का प्रावधान लीज समझौते के नवीनीकरण में रखने की बात की जा सकती है? हां या नहीं

4) क्या शहर में घनघोर जाम की स्थिति को दूर करने के लिए ईस्टर्न तथा वेस्टर्न कॉरिडोर बनाने की बात जो वर्षों से चल रही है और अभी भी लंबित है, क्या उसे समय सीमा के भीतर पूरा करने की शर्त सरकार टाटा स्टील से समझौते में रखेगी? हां या नहीं

5) आम लोगों की भागीदारी तथा अधिकार की सुरक्षा लीज समझौते के अंतर्गत क्या और कैसे होगी कृपया इसे स्पष्ट करें।

6) टाटा स्टील अरबों रुपए विदेशी संस्थानों को दे चुकी है ताकि उनका विकास हो सके। क्या टाटा स्टील को जमशेदपुर के शिक्षण संस्थानों विशेषकर स्कूलों के विकास के लिए ऐसी ही बड़ी राशि देने का प्रावधान लीज समझौते के दौरान किया जाएगा? हां या नहीं

7) क्या सी.एस. आर. के तहत जो पैसा टाटा स्टील खर्च करती है, उसका व्योरा आम आदमी को हर साल देने की बात लीज समझौते में रहेगी? हां या नहीं

चूँकि हेमंत सरकार भारी बहुमत से जीत कर आई है अतः मुझे उम्मीद है कि उपरोक्त प्रश्नों की जानकारी अवश्य मिलेगी।

धन्यवाद के साथ

भवदीय

जवाहर लाल शमा

जवाहरलाल शर्मा

मानवाधिकार कार्यकर्ता

402 सोनारी वेस्ट

जमशेदपुर 831011

मोबाइल नं 9430338540

जवाहरलाल शर्मा ने प्रेस रिलीज के माध्यम से उपरोक्त जानकारी दी.उन्होंने कहा कि टाटा कंपनी ने टाटा लीज समझौते का पूरा पालन नहीं किया और अधिकांश नागरिक अब भी बेहतर नागरिक सुविधाओं से वंचित हैं.जबकि टाटा लीज नवीनीकरण समझौता 2005 में पूरे जमशेदपुर के लिए सरकारी दर पर सुविधा देने का जिक्र था न कि टिस्को या गैर टिस्को क्षेत्र की कोई चर्चा थी.यह मनमानी इसलिए चलती रही क्योंकि सरकार ने कभी ऐसी कोई एजेंसी ही नहीं बनाई जो यह देखे कि टाटा लीज समझौते का पालन हो रहा है या नहीं.

जवाहरलाल शर्मा ने कहा कि जमशेदपुर में तीसरे मताधिकार और नगर निगम की मांग को लेकर उनकी 1988में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर 1989 में ही फैसला आ गया था जिसके तहत जमशेदपुर में नगर निगम बनाने का आदेश था, लेकिन नोटिफिकेशन के बावजूद धरातल पर उसे किसी भी सरकार ने लागू नहीं किया और टाटा कंपनी फिर सुप्रीम कोर्ट चली गई.वहां अंतिम फैसला आने से पहले ही आनन फानन में जमशेदपुर में इंडस्ट्रीयल टाउनशिप बनाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया,लेकिन उसे भी लटका दिया है.जाहिर है इससे जमशेदपुर की अधिकांश जनता को उसका हक नहीं मिल पा रहा है.आज भी कुछ आबादी को 24घंटे बिजली पानी की सुविधा है जबकि अधिकांश जनता को यह हासिल नहीं है.

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