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वक्फ कानून पर पूरे देश की मुहर, मुस्लिम समाज के लिए ऐतिहासिक कदम: जगदंबिका पाल

By Riya Kumari

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Jagdambika Pal

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सोशल संवाद /नई दिल्ली :  मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित भव्य ईद मिलन समारोह में वक्फ संशोधन कानून को लेकर देशभर से आए नेताओं, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धर्मगुरुओं ने एक स्वर में इसे मुस्लिम समाज के लिए एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी कदम बताया। इस अवसर पर वक्फ संशोधन पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के चेयरमैन जगदंबिका पाल, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क प्रमुख रामलाल ने इस कानून की आवश्यकता और इसके व्यापक सामाजिक प्रभावों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

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ईद मिलन समारोह: सामाजिक एकता का प्रतीक

समारोह में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार, जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल, आरएसएस के संपर्क प्रमुख रामलाल, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान आयोग (NCMEI) के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शालिनी अली, दिल्ली वक्फ बोर्ड के पूर्व सदस्य मोहम्मद अफजाल, फारूक खान, छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सलीम राज, हरियाणा वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जाकिर हुसैन, राजस्थान के पूर्व मंत्री अबु बकर नकवी, सूफी खानकाह एसोसिएशन के सूफी जियारत अली मलंग, राष्ट्रीय संयोजक एवं मीडिया प्रभारी शाहिद सईद, रेशमा हुसैन, बिलाल उर रहमान, गिरीश जुयाल, इमरान चौधरी, हाफिज साबरीन और फैज खान जैसे दिग्गज शामिल थे।

जगदंबिका पाल: वक्फ संशोधन एक क्रांतिकारी कदम

जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल ने विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए उत्साह के साथ कहा, “ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पूरा देश यहाँ वक्फ संशोधन बिल पर अपनी मुहर लगाने के लिए एकत्र हुआ है।”उन्होंने वक्फ संशोधन को मुस्लिम समाज के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि यह कानून समाज में वर्षों से चली आ रही गलतफहमियों, भ्रष्टाचार और अन्याय को समाप्त करने का एक सुनहरा अवसर है।पाल ने जोर देकर कहा कि यह संशोधन न केवल वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी और जवाबदेह प्रबंधन को सुनिश्चित करेगा, बल्कि समाज के सबसे कमजोर और वंचित वर्गों को उनका हक दिलाने में भी मदद करेगा।

उन्होंने बताया कि इस बिल को तैयार करने से पहले देशभर में व्यापक विचार-विमर्श किया गया, जिसमें सभी समुदायों, सामाजिक संगठनों और धर्मनिरपेक्ष शक्तियों ने इसका समर्थन किया। पाल ने इसे राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक और दूरगामी कदम करार देते हुए कहा कि यह कानून भारत की एकता और अखंडता को और मजबूत करेगा।इंद्रेश कुमार: भ्रम का अंत, जागरूकता का नया दौरमुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन में वक्फ संशोधन को लेकर फैली भ्रांतियों और अफवाहों को जड़ से मिटाने की प्रतिबद्धता जताई।

उन्होंने ऐलान किया कि मंच देशभर में 100 से अधिक प्रेस कॉन्फ्रेंस और 500 से ज्यादा गोष्ठियों का आयोजन करेगा, ताकि इस कानून के उद्देश्यों और लाभों को हर व्यक्ति तक पहुँचाया जा सके। इंद्रेश कुमार ने कहा, “यह कानून मुस्लिम समाज को आत्मसम्मान, न्याय और समानता के अधिकारों को और मजबूत करेगा।”

उन्होंने वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग और कुप्रबंधन की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संशोधन इन संपत्तियों का पारदर्शी और न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित करेगा, जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ होगा। इंद्रेश कुमार ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह कानून किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी के हित में है और यह भारतीय समाज में आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देगा।

रामलाल: समरसता और विश्वास का नया अध्याय

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क प्रमुख रामलाल ने वक्फ संशोधन को मुस्लिम समाज में विश्वास और समरसता बढ़ाने वाला एक अहम कदम बताया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “यह बदलाव भारतीय समाज को नई मजबूती देगा और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र को जमीन पर उतारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” रामलाल ने इस बात पर बल दिया कि वक्फ संशोधन केवल एक कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है।

उन्होंने कहा कि यह कानून समाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा, जिससे न केवल मुस्लिम समाज, बल्कि पूरे देश को लाभ होगा। रामलाल ने समारोह में उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि वे इस कानून के सकारात्मक पहलुओं को अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचारित करें, ताकि समाज का हर वर्ग इसकी महत्ता को समझ सके।

अल्पसंख्यक मंत्रालय ने ली थी 700 किताब

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा प्रकाशित पुस्तक “रिस्पेक्ट टू इस्लाम एंड गिफ्ट फॉर मुस्लिम” को विशेष रूप से सराहा गया। इस पुस्तक को सामाजिक एकता और जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा इसे सभी सांसदों को वितरित करने का निर्णय इसकी व्यापक स्वीकार्यता और प्रभाव को दर्शाता है। वक्ताओं ने कहा कि यह पुस्तक इस्लाम के सच्चे मूल्यों को समझने और समाज में समरसता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

आगे की राह

ईद मिलन समारोह ने न केवल वक्फ संशोधन के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि सामाजिक सुधार और एकता के लिए सभी समुदाय मिलकर काम कर सकते हैं। इस आयोजन ने देशभर में एक सकारात्मक संदेश प्रसारित किया और वक्फ संशोधन के प्रति लोगों में उत्साह और जागरूकता को बढ़ाया। आने वाले दिनों में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस और गोष्ठियां इस कानून के प्रति लोगों को और अधिक जागरूक करेंगी, जिससे समाज में पारदर्शिता, विश्वास और समरसता का एक नया दौर शुरू होगा।

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