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मार्च को बैंकों में तीसरे शनिवार का अवकाश और 23 मार्च को रविवार की सार्वजनिक छुट्टी है. इस तरह अगले सप्ताह कुल 4 दिन बैंकों में कोई कामकाज नहीं होगा.

By Nidhi Mishra

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सोशल संवाद/ डेस्क: 8 लाख से अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है यूएफबीयू
यूएफबीयू में बैकों की 9 यूनियनें शामिल हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र, विदेशी, सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लगभग 8 लाख से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करती हैं.
5 दिन की कार्यप्रणाली जैसे मुद्दों पर हड़ताल
यूनियनों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बीमा कंपनियों की तर्ज पर सप्ताह में 5 दिन की कार्य प्रणाली लागू होने जैसे मुद्दों पर हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
सरकार और प्रबंधन मांगों पर नहीं कर रहा विचार – रूपम रॉय
जेनरल सेक्रेटरी रूपम रॉय ने कहा कि सरकार और प्रबंधन हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रहा. इसकी वजह से यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. जनता से इस आंदोलन के समर्थन की अपील व और असुविधा के लिए क्षमा चाहते हैं.
एआइबीओसी के स्टेट सेक्रेटरी ने बतायी हड़ताल पर जाने की वजह
एआइबीओसी स्टेट सेक्रेटरी प्रकाश उरांव ने बताया कि यह हड़ताल नौकरियों में बढ़ोतरी, बैंकिंग क्षेत्र में सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती, आउटसोर्सिंग पर रोक, अस्थायी कर्मियों को नियमित करने सहित अन्य मुद्दों पर हो रही है. ऑल इंडिया रीजनल रूरल बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन ( अरेबिया) ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है.

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ये हैं मांगें :
इस दौरान पेंशन पुनरीक्षण, स्पेशल अलायंस पर सेवानिवृत्ति का लाभ, महंगाई भत्ता में एकरूपता सहित अन्य मांग की गयी. प्रदर्शन में 350 की संख्या में सदस्य शामिल हुए. नेतृत्व नीलमणि, देवाशीष सेनगुप्ता, लक्ष्मण गिरी, एसके पाठक, जीके सिन्हा, सुनील सिन्हा, रामबली राम, सुदीप मजूमदार ने किया.

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