सोशल संवाद / डेस्क : मुख्य मंत्री मईया सम्मान योजना के संबंध में जिला के उप विकास आयुक्त से मिले पोटका के पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल दिए लिखित आवेदन। ज्ञात रहे पोटका प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा अपने पत्रांक – 1224, दिनांक – 25/07/2025 के मध्यम से चिट्ठी निर्गत कर इसी माह के 29 तारीख को प्रखंड परिसर में एक विशेष कैंप का आयोजन किया गया है जिसमें सभी पंचायत सचिवों को ये निर्देश दिया गया है की उक्त योजना के सभी वैसे लाभुकों को जिनकी सम्मान राशि लंबित है उन्हें जरूरत के कागजातों के साथ ससमय उक्त कैंप में समुचित सूचना के माध्यम से उपस्थित सुनिश्चित करवाया जाय ताकी उनके डीबीटी तथा सभी प्रकार की त्रुटियां सुधार किया जा सके जिससे उन्हें सम्मान राशि मिल सके।
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पहल एक नजर से अच्छी संकेत लगती है तो वंही हास्यस्पद से भी कम नहीं लगती है। क्यों की 34 पंचायत वाली उक्त वृहत प्रखंड में मुख्य मंत्री मईया सम्मान योजना से वंचित मईयाओं की संख्या कम नहीं है। किसी को एक एक हजार रुपए चार बार मिलने के बाद बंद हुआ है, किसी के ढाई ढाई हजार मिलने के बाद साढ़े सात हजार नहीं मिलके बंद हुआ है, किसी किसी का उसके बाद बंद हुआ है । सरकारी नियमों में कभी नॉन डीबीटी तो कभी डीबीटी का अड़चन लाया जा रहा है तो किसी किसी का डीबीटी वाला नई खाते खोले जाने पर भी पैसा नहीं आ रहा है। ऐसी स्थिति में पूरे झारखंड में ऊबाल है। मईया गोलबंद होती नजर आ रही है राजनीतिक दल भी आगे आना शुरू कर दी है – ऐसी त्रासदी से निजात पाने के लिए प्रशासन द्वारा ऐसी कैंप करना तो अत्यवस्यक ही था पर इतनी बड़ी प्रखंड में एक दिन में, एक साथ में, एक जगह में प्रखंड मुख्यालय में हजारों हजार मईयाओं को एकत्रित कर कर उसे सफल बनाना किसी भी स्थिति में संभव नहीं है फिर भी अगर प्रशासन द्वारा ऐसी कार्यक्रम आयोजित करती है तो मात्र ये ढकोसला ही साबित होना तय है।
इसी कारण को ध्यान में रखते हुए पोटका के पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल द्वारा आज जिले के उप विकास आयुक्त से मिलकर सिर्फ प्रखंड मुख्यालय में ही नहीं प्रत्येक पंचायत में ऐसी कैंप का आयोजन करवा कर पीड़ित वंचित मईयाओं की समस्याओं की समाधान करने हेतु लिखित रूप से अनुरोध किया गया। पूर्व पार्षद मंडल द्वारा अपने पत्र में कहा गया की वर्तमान खेती के समय में किसान परिवार के मईयाओं को दूर दराज से प्रखंड मुख्यालय में बुलाकर अगर सिर्फ कतार में खड़ा कर उनकी समस्याओं की समाधान किए बिना ही वापस भेजा जाय तो कैसी विडंबना होगी। उप विकास आयुक्त द्वारा समस्या की समाधान हेतु समुचित त्वरित कदम उठाने की भरोसा दिया गया।








