सोशल संवाद / नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मंगलवार को सदन के अंदर दिल्ली में वोट कटवाने की हो रही साजिश समेत कई मुद्दों पर भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग बड़े पैमाने पर दिल्ली के अंदर लोगों के वोट कटवाने की लिए एप्लिकेशन दिए हैं। इनका कहना है कि ये सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशी है। जबकि जिनके नाम काटे गए हैं, वो सभी लोग उत्तर प्रदेश, बिहार समेत पूर्वांचल के रहने वाले हैं। भाजपा पूर्वांचल के लोगों को रोहिंग्या बताकर उनका वोट कटवा रही है। इस बार दिल्ली के चुनाव में यही लोग इनकी जमानत जब्त कराएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा महाराष्ट्र और हरियाणा की तरह चुनावी घोटाले का प्रयोग दिल्ली में करके चुनाव जीतना चाहती है। ये घोटाले से दिल्ली चुनाव जीतना चाहते हैं, लेकिन इनकी ये चाल यहां नहीं चलेगी। उन्होंने दिल्ली में वोट कटवाने की भाजपा की साजिश की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सदन में कहा कि जब बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा तो भारत के सभी वर्गों के बारे में सोचा। सबके अधिकारों के बारे में सोेचा। भारत कैसे तरक्की के रास्ते पर जाएगा, कैसे आगे बढ़े, इसे लेकर उन्होंने भारत के संविधान को बनाया। उसमें एक-एक करके जो संविधान की मूल आत्मा है, मैं बताना चाहूंगा कि उनकी मंशा क्या थी, हमारे संविधान की क्या मंशा है। संप्रभु राष्ट्र यानि ऐसा देश जो किसी दूसरे देश के प्रभाव, संप्रभुता से मुक्त है, अपने सभी निर्णय लेने के लिए पूर्णयता स्वतंत्र है और उस पर किसी बाहरी शक्ति का कोेई प्रभाव नहीं होगा।
संजय सिंह ने कहा कि समाजवादी, समाजवाद एक ऐसी विचारधारा है, जो यह मानती है कि समाज के सभी लोगों तक संपन्नता का हिस्सा पहुंचना चाहिए। धन संपत्ति भी समाज से ही उपजती है तो उसका बंटवारा भी शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण तरीकों से लोगों के बीच होना चाहिए। लोकतांत्रिक समाजवाद की यह विचारधारा कहती है कि धन समाज के कुछ लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उत्पादनों के साधनों पर लोगों का मिलाजुला मालिकाना होना चाहिए। यह भारत का संविधान कहता है। आज भारत की क्या स्थिति है? मोदी जी के राज में क्या स्थिति है। देश के पांच फीसदी लोगों के पास देश की 60 फीसदी संपत्ति है। देश के पचास फीसदी लोगों के पास मात्र 3 फीसदी संपत्ति है। पिछले कुछ वर्षों में इनका रिकॉर्ड देखें तो 40 फीसदी संपत्ति 1 फीसदी लोगों के पास गई है। यह इनकी समाजवाद की विचारधारा है। यह इनकी बराबरी की सोच है। यह किस तरह से भारत के अंदर गैरबराबरी को जन्म दे रहे हैं।
संजय सिंह ने आगे कहा कि समाजवादी आंदोलन में नारा लगता था, जब तक दुखी इंसान रहेगा, धरती पर तूफान रहेगा। नारा लगता था कि रोटी कपड़ा और मकान मांग रहा है हिंदुस्तान। धन और धरती बंटकर रहेगी, भूखी जना चुप नहीं रहेगी। लेकिन आज भारत को इन्होंने इस हालत में पहुंचा दिया है, जहां पर तीन फीसदी संपत्ति पचास फीसदी लोगों के पास है और पांच फीसदी लोगों के पास देश की 60 फीसदी संपत्ति है। इसके आगे हमारा संविधान धर्मनिरपेक्षता की बात कहता है। जिसका यह खुलेआम विरोध कर रहे हैं। यह कैसी सरकार है? हमारे प्रधानमंत्री जी भारत के संविधान पर शपथ लेकर देश के प्रधानमंत्री बने। सांसद भी संविधान की शपथ लेते हैं। मंत्री संविधान की शपथ लेते हैं लेकिन संविधान की लिखी हुई बातों को नहीं मानते हैं। इनको धर्मनिरपेक्षता से कोई मतलब नहीं है।
संजय सिंह ने कहा कि हमको अगर दर्शन करने होते हैं तो हम काशी जाते हैं, महाकाल का दर्शन करने उज्जैन जाते हैं। प्रभु श्री राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या जाते हैं। लेकिन भाजपाईयों को जब दर्शन करने होते हैं तो यह मस्जिद में भगवान के दर्शन करने जाते हैं। पूरे देश के अंदर यह मस्जिद में मंदिर खोेज रहे हैं। इसलिए मैं इनसे कहना चाहता हूं यह भारत खोदो योजना चला रहे हैं। अगर इतना ही खोेदना है कल को कोई आकर दावा करेगा कि संसद को खोद दो कम से कम प्रधानमंत्री की डिग्री मिल जाएगी। उसका तो पता चल जाएगा कि कहां है। संसद खोद दो। यह भारत खोदो योजना बंद कर दो। इससे देश का विकास नहीं होने वाला है।
संजय सिंह ने कहा कि इन्होंने देश की शिक्षा में क्या हालत कर दी है। मैं बताना चाहूंगा इन्होंने शिक्षा के स्तर को कहां पहुंचा दिया। 11 लाख बच्चों को सरकारी स्कूल से दूर किया गया। यह देश के अंदर शिक्षा की व्यवस्था है। इसमें सबसे ज्यादा अगर किसी राज्य की भागीदारी है, जहां पर सबसे ज्यादा बच्चे सरकारी स्कूल से दूर हुए हैं। पिछले आठ महीने का आंकड़ा शिक्षा मंत्री ने लोकसभा में रखा। 11 लाख में से अकेले 7,84,000 बच्चे उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूल से दूर गए।
इन्होंने देश की शिक्षा की व्यवस्था ऐसी कर दी है। 63 हजार बच्चे असम में सरकारी स्कूल से दूर हुए। यह सरकार का आंकड़ा है। जब सरकार से पूछा गया कि शिक्षा पर कितना खर्च करते हैं। जीडीपी का कितना हिस्सा शिक्षा पर खर्च करते हैं। पिछले तीन सालों से भारत की सरकार जीडीपी का 0.4 फीसदी शिक्षा पर खर्च करती है और दिल्ली की सरकार शिक्षा के ऊपर बजट का 25 फीसदी हिस्सा खर्च करती है। स्वास्थ्य के ऊपर दिल्ली के अंदर 13 फीसदी हम खर्च करते हैं और भारत की सरकार मात्र दो फीसदी स्वास्थ्य के ऊपर खर्च करती है। यह इस देश की हकीकत है। कैसे समानता आएगी। कैसे संविधान में लिखी हुई बातों की सुरक्षा हो पाएगी।
संजय सिंह ने कहा कि मैं अगर दिल्ली की बात करूं तो एक राज्य सरकार दिल्ली के लोगों ने भी चुनी, जिसे यह लोग चलने नहीं देते। बार-बार उसके ऊपर रोक लगाते हैं। दिल्ली सरकार ने इस देश के नागरिकों को मजबूत बनाने के लिए क्या किया है। दिल्ली की सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करने के लिए क्या किया है? बाबा साहब के लिखे गए एक-एक शब्द को जमीन पर उतारने के लिए दिल्ली की सरकार ने क्या किया है। दिल्ली के अंदर शिक्षा पर हमने 25 फीसदी खर्च किया। स्वास्थ्य पर हमने 13 फीसदी खर्च किया। दिल्ली में हमने बिजली फ्री दी। पूरे देश में दिल्ली सरकार पहली सरकार है जो बिजली मुफ्त देने का काम करती है।
दिल्ली के अंदर अरविंद केजरीवाल ने 200 यूनिट बिजली फ्री और 400 यूनिट बिजली आधे दाम पर दी। दिल्ली की सरकार ने इलाज मुफ्त किया। पानी मुफ्त किया। दिल्ली के अंदर बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराने का काम किया। दिल्ली की सरकार ने माताओं -बहनों के लिए बस की यात्रा फ्री करने का काम किया। अगली योजना आ रही है, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनेंगे, दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2100 रुपए उनके खाते में पहुंचाए जाएंगे। हम महिला को सशक्त और मजबूत करेंगे। दिल्ली के अंदर 200 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क को हमने साल 2015 से बढ़ाकर 450 किलोमीटर किया।
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के लोग जब भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हैं, तो लगता है कि ओसामा बिन लादेन अहिंसा पर उपदेश दे रहा है। ये भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलेंगे। इन लोगों ने तीन लाख दो हजार करोड़ रुपए का ठेका इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर लिया। गाय काटने वाली कंपनी से चंदा लेने वाले लोग मेरे ऊपर सवाल उठा रहे हैं। देश के अंदर एक चुनी हुई सरकार है, संविधान के तहत वो सरकार चुनी हुई है। दिल्ली सरकार को यह लोग क्यों नहीं चलने देते? ये हमारे सारे कामों पर रोक क्यों लगाते हैं? आम आदमी पार्टी देश की सबसे बेहतरीन काम करने वाली सरकार है।
जब अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी भारत आई तब मोदी जी ने पूरे देश का हवाला दिया, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के स्कूल देख लो, उन्होंने कहा कि हमें केजरीवाल के स्कूल देखने हैं। मनीष सिसोदिया ने जो स्कूल बनाए हैं, वो देखने हैं। ये काम हमने किया है। आज दिल्ली स्कूल मॉडल की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दिल्ली के अस्पताल के मॉडल की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।
संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के अंदर चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव भारत के संविधान का एक बड़ा पर्व माना जाता है। संविधान ने हमें ताकत दी है कि अपने हिसाब से विधायक चुनिए, सांसद चुनिए। यह लोग दिल्ली में कैसे चुनाव कर रहे हैं। ये महाराष्ट्र, हरियाणा चुनाव घोटाले का प्रयोग दिल्ली में करना चाहते हैं। ये लोग दिल्ली में घपले से चुनाव जीतना चाहते हैं। शाहदरा में भाजपा के एक पदाधिकारी ने 11008 वोट कटवाने की अर्जी दी। जनकपुरी में भाजपा के 24 कार्यकर्ताओं ने 4874 वोट कटवाने की अर्जी दी। तुगलकाबाद में भाजपा के 15 कार्यकर्ताओं ने 2435 वोट कटवाने की अर्जी दी। तुगलकाबाद में बूथ नंबर 17 में कुल 1337 वोट हैं, उसमें से भाजपा के दो कार्यकर्ताओं ने 554 वोट कटवाने की अर्जी दी। हरि नगर में भाजपा के 4 कार्यकर्ताओं ने 637 वोट कटवाने का आवेदन दिया। करावल नगर में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं ने 3260 वोट कटवाने की अर्जी दी। मुस्तफाबाद में एक व्यक्ति 534 वोट कटवाने का आवेदन दिया।
संजय सिंह ने कहा कि इन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि जिनके नाम काटे जा रहे हैं वो रोहिंग्या हैं। हमारे उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल, बिहार के भाई जो 40-40 साल से दिल्ली में रह रहे हैं। अपने श्रम और खून-पसीने से दिल्ली को बना रहे हैं। ये लोग उन्हें रोहिंग्या कह रहे हैं। इनकी हिम्मत कैसे हुई? ये लोग पूर्वांचल के लोगों को बांग्लादेशी कह रहे हैं। राम सिंह, वसंत विहार में रहते हैं, उनका वोट कटवाया गया। राम, वसंत विहार में रहते हैं। छोटे लाल वर्मा, अंबेडकर नगर में रहते हैं, इनका नाम कटवाया। सोनिया, अंबेडकर नगर बस्ती, आरके पुरम, इनका नाम कटवाने की अर्जी दी गई। संतोष कुमार, अंबेडकर नगर बस्ती, आरके पुरम, आशा, अंबेडकर नगर बस्ती, आरके पुरम, गीता, हरकेश, सुशील कुमार, नरेंदर, सुमन यह सारे यूपी बिहार के लोग दिल्ली में रहने वाले हैं। ये बांग्लादेशी नहीं हैं। ये रोहिंग्या नहीं हैं। इनको बांग्लादेशी और रोहिंग्या कहा गया है। पूर्वांचल के लोग दिल्ली के चुनाव में इनकी जमानतें जब्त कराएंगे।
संजय सिंह ने कहा कि इन लोगों के नाम कटवाने की अर्जी कैसे दी जा रही है। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। इन लोगों ने यही घोटाला महाराष्ट्र और हरियाणा में किया। ये लोग घोटाले से चुनाव जीतना चाहते हैं। दिल्ली में यह चाल नहीं चलेगी। यहां पर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी बैठी है। ये लोग चुनाव ही गड़बड़ कर देंगे तो संविधान कैसे बचेगा। दूसरी बात दलितों के अधिकारों की है। पिछले दस साल से भारत में किसकी सरकार है? क्या यहां पर ट्रम्प और ओबामा की सरकार है? दस साल से यहां पर महामानव की सरकार है।
मैं महामानव से पूछना चाहता हूं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि सीमा की सुरक्षा किसकी जिम्मेदारी है। अमित शाह के जिम्मे है। बांग्लादेश की सीमा त्रिपुरा से लगती है। असम, बंगाल से लगती है। कोई बांग्लादेशी त्रिपुरा, असम और बंगाल से झारखंड, बिहार और यूपी पार करके दिल्ली कैसे आ गया? ये बांग्लादेशी यहां पर कैसे आ गए? इन्होंने अगर दस साल में दस बांग्लादेशी घुसपैठियों को दिल्ली से भगाया हो तो उनके नाम बता दें। नरेंद्र मोदी के दोस्त अडानी बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करते हैं। भारत की बिजली चोरी करके बांग्लादेशियों का घर रोशन करते हैं।
संजय सिंह ने कहा कि ये लोग कतर और दुबई के शेखों के साथ बिजनेस करेंगे। यहां मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की बात करेंगे। मैं एक बात इन लोगों को समझाना चाहता हूं कि दिल्ली चुनाव में आ रहे हो, तो शांति से आना। यहां पर अगर गंदी राजनीति की, हिंदू मुसलमान किया तो हमने दिल्ली वालों को सिखा दिया है कि ये कहेंगे हिंदू मुसलमान तो तुम स्कूल अस्पताल कहना। यहां किसी भी तरह की तानाशाही और दादागिरी दिखाने की कोशिश मत करना। दिल्ली का चुनाव मुद्दों के ऊपर लड़िए। चुनाव का घोटाला मत कीजिए। ये तीन बार से चुनाव हार रहे हैं। तो ये सोच रहे हैं कि वोटर लिस्ट में गड़़बड़ी कर देंगे, इससे काम नहीं चलेगा। हम काम की बात करते हैं।
संजय सिंह ने कहा कि जनरल, एससी, एसटी और ओबीसी कैटेगरी में भारत सरकार के अंदर जॉइंट सेकेट्ररी और सेकेट्ररी लेवल पर 322 अधिकारी हैं। यह सरकार का आंकड़ा है। आंकड़े बताते हैं कि एससी कैटेगरी के अनुसूचित जाति के 16. एसटी 13, ओबीसी 39, 254 जनरल कास्ट के लोग हैं। ये इनका दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के प्रति न्याय है। ये लेटरल एंट्री के जरिए दलितो, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण खा रहे हैं। आईएएस की नौकरी में 125 बच्चे हैं। जिनको उन्होंने क्रीमी लेयर के नाम पर आईएएस, पीसीएस और आईएफएस बनने से वंचित कर दिया।
यह इनका इतिहास है। ये दलितों को मंदिरों में घुसने नहीं देते हैं। इनकी मानसिकता यह है। इन्होंने अयोध्या में मंदिर का शिलान्यास किया। उस समय प्रधानमंत्री गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी गए और राज्यपाल भी गईं। इन्होंने उस समय के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नहीं बुलाया। मंदिर के उद्घाटन में इन्होंने राष्ट्रपति द्रौपद्री को नहीं बुलाया। क्योंकि रामनाथ कोविंद दलित समाज से थे और द्रौपदी मूर्मू आदिवासी समाज से हैं। आरएसएस को सौ साल हो गए, एक भी दलित, पिछड़ा और आदिवासी आज तक आरएसएस का प्रमुख क्यों नहीं बना? इसका जवाब दो। ये लोग दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों से नफरत करते हैं। ये इनकी मानसिकता है।
संजय सिंह ने कहा कि कॉन्स्टिट्यूशन में आगे लिखा हुआ है कि लोकतांत्रिक। भारत देश की जनता वोट के माध्यम से अपने प्रतिनिधि खुद चुनती है। सभी के वोटों का महत्व बराबर है। जनता के द्वारा जनता का प्रतिनिधि चुना जाता है। चुनने के बाद सरकार बनती है। ये लोग खरीद फरोख्त करके संविधान को तार-तार करके, लोकतंत्र का गला घोंटकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में सरकार गिराते हैं। पूरे देश में तोड़ फोड़ और खरीद फरोख्त करके सरकारों को गिराने का काम करते हैं। एक बात याद रखना कि यह देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा। किसी मोदी और अमित शाह के फरमान से नहीं चलेगा।