सोशल संवाद/जमशेदपुर : झारखंड में गर्मी दिनोंदिन बढ़ रही है. लगभग सभी जिलों में तापमान 40 डिग्री पार कर चुका है. कुछ जिलों में तो पारा 45 डिग्री भी पहुंच चुका है. राज्यवासी गर्मी से त्रस्त है. राज्य में बिजली और पानी की भी कमी से लोग परेशान हैं. साथ सभी जिलों में आज लू चलने की संभावना जतायी जा रही है.
इधर अप्रैल की शुरुआत में ही इस बात के संकेत मिल गये थे कि महीने के अंत तक गर्मी अपना विकराल रूप धारण करने वाली है। अब जबकि गर्मी अपना विकराल रूप दिखा रही है तो चिलचिलाती धूप की वजह से लोग दोपहर होने से पहले ही अपने घरों में सिमटने लगे हैं।
राजधानी रांची में इस गर्मी का अबतक का सर्वाधिक तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची के विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि गोड्डा में तापमान 44.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड दर्ज किया है।
पर इस तपती गर्मी में मौसम केंद्र से एक राहत की खबर आयी है. बता दें कि मौसम केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार 21 अप्रैल यानी कल से राज्य के अधिकतर जिलों में हल्के और माध्यम दर्जे के मेघगर्जन के साथ बारिश होने की संभावना है. मौसम में परिवर्तन करीब 24 अप्रैल तक देखा जानेवाला है.
बताते चलें कि बुधवार को राजधानी रांची का अधिकतम तापमान भी 40 डिग्री रहा, जबकि जमशेदपुर का 44.1 तथा डालटनगंज का अधिकतम तापमान 43.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. हजारीबाग, लोहरदगा और लातेहार जिले का अधिकतम तापमान 40 डिग्री से नीचे रिकार्ड किया गया है.
इस बीच, गर्मी को देख मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य के सभी सरकारी व निजी स्कूलों का समय बदल दिया ग गया है। इस संबंध में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने मंगलवार को अधिसूचना भी जारी की थी है।
अधिसूचना के अनुसार 19 अप्रैल से पांचवीं तक की कक्षाएं सुबह सात से 11 बजे तक जबकि उससे ऊपर की कक्षाएं सात से 12 बजे तक चलेंगी। इस दौरान एमडीएम मिलेगा पर खेल गतिविधियों पर रोक रहेगी। शिक्षा सचिव ने इसको लेकर सभी डीसी, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, डीईओ व डीएसई को निर्देश दे दिया है। उन्होंने कहा है कि यह आदेश फिलहाल 25 अप्रैल तक जारी रहेगा। मौसम को देख आगे निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि गर्मी बढ़ने से स्कूलों में ही बच्चे बेहोश होने लगे हैं। लूज मोशन, उल्टी, बुखार व चक्कर की शिकायतें मिल रही है।
इधर बढ़ते तापमान को देखते हुए यूएन का एक रिपोर्ट सामने आया हैं, यूएन की इस रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक धरती का तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी का अनुमान है। इससे भारत समेत पूरी दुनिया पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।