सोशल संवाद/डेस्क : केंद्र सरकार देश के आठ शहरों को महिलाओं के लिए सबसे अधिक सुरक्षित बनाने की कवायद कर रही है। इसकी खास बात यह है कि पुलिस व नगर निगम के मौजूदा ढांचे की त्रुटियों को महिलाओं के सुझाव पर दुरुस्त किया जा रहा है। इसके पश्चात इस मॉडल को चरणबद्ध तरीके से देश के दूसरे शहरों में लागू किया जाएगा। सुरक्षित शहर परियोजना को सरकार ने दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
हालांकि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडेय की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति 29 मार्च की बैठक में सुरक्षित शहर परियोजना की सुस्त रफ्तार पर चिंता जताई है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के लिए निर्भया फंड के तहत 2840.05 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें 888.94 करोड़ रुपये राज्य सरकारों को देना है।
अधिकारी ने बताया कि परियोजना के तहत लखनऊ, दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलुरू को देश के सबसे सुरक्षित शहर के मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। शहरों में स्मार्ट पुलिसिंग व सुरक्षा प्रबंधन पुख्ता बनाया जा रहा है। चुनिंदा ऐसे स्थानों पर महिलाओं के लिए चेजिंग वैन नियुक्ति की जा रही है।